कला-संस्कृति को बचाने के लिए क्या कर रही सरकार?
मंडी: संसद में बजट सत्र के तीसरे दिन बॉलीवुड अभिनेत्री व मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद कंगना रनौत को पहली बार बोलने का मौका मिला. इस मौके पर जहां कंगना ने सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष का मंडी की जनता की ओर से स्वागत किया वहीं, बेबाक तरीके से अपनी बात भी रखी. अपनी पहली स्पीच में कंगना रनौत ने हिमाचल की कला व संस्कृति को सहेजने की बात करते हुए अपनी ही सरकार से सवाल करते हुए नजर आई. अपनी स्पीच में कंगना ने पहले पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में घर बनाने की पारंपरिक शैली काठ कुनी की बात की. कंगना ने कहा घर बनाने की यह शैली विलुप्त होती जा रही है.
इसके बाद कंगना ने हस्थशिल्प कला का जिक्र करते हुए कहा कि हिमाचल के लोगों द्वारा भेड़ और याक की ऊन से किमती परिधान पहाड़ी टॉपी, शॉल, जैकेट इत्यादि बनाए जातें हैं. विदेशों में इन परिधानों की बहुत ज्यादा डिमांड भी रहती है, लेकिन हिमाचल में अब ये कला भी विलुप्त होती जा रही है. वहीं, कंगना ने हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रों लौहल स्पीति, किन्नौर व भरमौर का जिक्र करते हुए कहा कि धीरे-धीरे यहां की लोक, कला संस्कृति, संगीत व पहनावा भी विलुप्त होता जा रहा है. कंगना ने सवाल करते हुए कहा कि हिमाचल की विलुप्त होती इन कलाओं और संस्कृति को संजोए रखने में सरकार की ओर से क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
गौरतलब है कि कंगना रनौत पहली बार मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद चुनी गई हैं. कंगना ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह को पछाड़ते हुए जीत हासिल की थी. इस दौरान देशभर में मंडी सीट हॉट सीट बनी रही थी, क्योंकि कंगना जहां पहली बार चुनावी मैदान में उतरी थी तो वहीं उनके सामने प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री एवं 6 बार पूर्व में हिमाचल के सीएम रहे वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह थे. भाजपा ने भी चुनावों में कंगना को जीत दिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. पीएम मोदी से लेकर यूपी के सीएम योगी, कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी और जेपी नड्डा ने भी कंगना के लिए चुनावी जनसभाएं की थीं.