कलेक्टर श्री विकास मिश्रा ने बताया कि डिंडौरी जिले में महिलाओं को सशक्त बनाने का आंदोलन जारी है। जिले में विगत वर्षो में बड़ी तेजी से जल संरचनाओं का निर्माण हुआ है। जिसके परिणाम स्वरूप प्राकृतिक जल संरक्षण में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की जा रही है। प्राकृतिक जल के संरक्षण उपरांत जहां भू-जल स्तर में बढोत्तरी हुई है। वहीं गर्मी के मौसम में जल संकट की समस्या से भी निजात मिली है। इन जल स्त्रोतों का उपयोग आजीविका जैसे मछली पालन के साथ ही निस्तार व सिंचाई के लिए किया जा रहा है। जिला प्रशासन के प्रयासों को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने भी सराहा है और मंत्रालय द्वारा जिले के इस प्रदर्शन को अपनी आधिकारिक वेबसाइट फेसबुक, ट्विटर हैंडल और इंस्टाग्राम पर भी पोस्ट किया गया है। इन जल संरचनाओं के माध्यम से बड़ी संख्या में आदिवासी महिला समूहों को स्वरेजगार से जोडा गया है। जिससे महिलाओं की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर आर्थिक लाभ कमा रहीं हैं और स्वयं व परिवार के विकास की योजनाएं बनाने के लिए स्वतंत्र हो चुकी हैं।
कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा कि जल संग्रहण निर्माण कार्यां के साथ प्राकृतिक जलाशयों का सुदृढ़ीकरण कर स्व-सहायता समूह की दीदियों को सशक्त बनाने के प्रयासों को जल शक्ति मंत्रालय ने एक बड़ा सम्मान दिया है। अब हमारा प्रयास पूरे भारत में देखा जा रहा है। यह बड़ा सम्मान और एक बड़ी जिम्मेदारी का एहसास कराता है। इस सम्मान के लिए स्व-सहायता समूह के दीदियों सहित समस्त जिला प्रशासन की टीम को बहुत बहुत बधाई, यह जिले के लिए गौरव की बात है। आगे भी सभी को इसी प्रकार से समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।

न्यूज़ सोर्स : ipm