"संगच्छध्वं संवदध्वं"  मतलब ष्हम सब मिलकर चलें, साथ मिलकर बोलें । यह ऋग्वेद का एक मंत्र है, जो एकता, सद्भाव और सहयोग पर जोर देता है। इसका अर्थ यह भी है कि हमारे मन एक हों और हम एक साझा उद्देश्य की दिशा में काम करें। सभी को नेतृत्व करने का मौका मिले एवं देश समावेशी उद्देश्यों को पूर्ण कर सके । 
इसी बात को ध्यान में रख मप्र में देश के ऐसे पहले सरकारी संगठन का गठन किया गया जो सरकारी होकर भी गैरसरकारी है। एक स्वतंत्र संस्था के रूप में इसे मंत्री परिषद की सहमति से 4 जुलाई 1997 को गठित किया गया। जन अभियान परिषद वर्तमान में सरकार की विकास योजनाओं को जमीन पर लागू कराने एवं सामाजिक न्याय नेतृत्व एवं समानता को लागू कराने वाला बड़ा तंत्र बन गया है। 
परिषद में वर्तमान में लगभग 2 लाख से अधिक स्वैच्छिक संगठन जुड़े हुए हैं वहीं 13 लाख से अधिक जमीनी नेतृत्वकर्ता  कार्य करने तैयार है।  हर साल परिषद के प्रयोगिक निर्देशन में 36 हजार से अधिक प्रोफेशनल समाजसेवी सीएमसीएलडीपी कोर्स से तैयार हो रहे हैं। 

 जन अभियान परिषद की आवश्यकता क्यों?
किसी भी देश का विकास जमीनी एनजीओ के सहभागिता के बिना नहीं हो सकता,भारत में एक बड़ा फण्ड एनजीओ के नाम पर उच्च स्तर पर डकार लिया जाता है। मप्र जन अभियान परिषद ने अपने सांझा कार्यक्रमों के जरिये इस धारणा को समाप्त करने का कार्य किया है। परिषद विकास से जुड़ी आधी -अधूरी दिखावटी कोशिशों पर जहां प्रशासन का ध्यान आकर्षण करवाता है वहीं विभिन्न विकास योजनाओं के निर्माण में सरकार की आंख-नाक-कान का काम करता है। 
जमीनी एनजीओ विकास की मुख्य शक्ति
वर्तमान में स्थानीय स्तर पर अपने विकासात्मक लक्ष्यों में फेल होती सरकारों के लिए स्थानीय संस्थाओं को ही कार्य दिया जाना चाहिए। ऐसा अब होता दिख भी रहा है। परिषद ने अपनी प्रस्फुटन एवं नवांकुर योजना से उन लोगों को भी स्वैच्छिक संगठनों की मुख्य धारा में जोड़ने का प्रयास किया है जो अब तक इससे अनजान थे। परिषद द्वारा समुदाय एवं संस्थाओं के बीच जो स्थानीय संबंधों का निर्माण किया है इससे उम्मीद की जा सकती है की विकसित भारत के लिए नव कौशल निखरेगा एवं विकसित भारत का एक परिष्कृत माण्डल तैयार होगा। 
मप्र स्थापना दिवस की आप सभी स्वयंसेवियों की ओर से हमारी ओर से भी हार्दिक शुभकामनाएं - हमारी उम्मीद रहेगी कि आप "संगच्छध्वं संवदध्वं"के भाव से कार्य करें। सब साथ मिलकर आगे बढ़े,एकल विकास की भावना से निकलकर आओ हम सब मिलकर आगे बढ़ने का प्रयास करें।

न्यूज़ सोर्स : ipm