नई दिल्ली। बांग्लादेश में भले ही नई सरकार बन गई है, लेकिन वहां हिंसा अभी भी जारी है। प्रदर्शनकारी, अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बना रहे हैं। बांग्लादेश से कई हिंदू परिवार (Bangladeshis on Indian Border) अपने घर छोड़कर भारत आना चाहते हैं।

हजारों की तादाद में हिंदू समुदाय के लोग भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूद हैं। बंगाल के कूचबिहार के सितालकुची में करीब 1000 बांग्लादेशी जलाशय में खड़े होकर बीएसएफ से अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें भारत में प्रवेश की इजाजत दी जाए।

हालांकि, सीमा सीमा सुरक्षा को लेकर बीएसएफ भी अलर्ट है। बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि अब तक भारत में प्रवेश करने की कोशिश करने वालों का यह सबसे बड़ ग्रुप है।  

कूचबिहार के काशियार बरुनी इलाके के पठानटुली गांव में सीमा पार करने की कोशिश कर रहे लोगों में इतनी हताशा थी कि वे बाड़ के पार जलाशय में घंटों इंतजार करते रहे। कुछ लोग 'जय श्री राम' और 'भारत माता की जय' के नारे लगा रहे थे।

अलर्ट पर बीएसएफ

बीएसएफ कर्मियों ने इन लोगों को सीमा के जीरो पॉइंट (नो मैन्स लैंड) से 150 गज की दूरी पर बाड़ पार करने से रोक दिया । बीएसएफ जवानों की कई बार की गई अपील के बावजूद ये लोग बांग्लादेश के रंगपुर जिले के दोई खावा और गेंदुगुरी गांवों में अपने घरों को लौटने के लिए तैयार नहीं थे।

बीएसएफ की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, “यह उभरती चुनौती बीएसएफ के लिए नई है। बंगाल के उत्तर 24 परगना के पेट्रापोल में पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश से लोगों का आना जारी है।

सीमा की सुरक्षा के लिए समिति का गठन

बता दें कि  सीमा पर नजर रखने की खातिर सरकार ने एक समिति का गठन किया है। सीमा सुरक्षा बल के पूर्वी कमान के एडीजी को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल ने सतर्कता बढ़ा दी है। बता दें कि बांग्लादेश में हिंसा की घटनाओं ने भारत सरकार की चिंता बढ़ा दी है।

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