नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष जोर देते हुए सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन करने और रोजगार क्षमता तथा सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन-ELI योजना को मंजूरी दी है। सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। योजना के तहत पहली बार रोजगार करने वाले कर्मचारियों को 15 हजार रुपए प्रति माह मिलेगा, जबकि नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोजगार पैदा करने के लिए दो साल की अवधि के लिए प्रोत्साहन देकर विनिर्माण क्षेत्र को दो साल के लिए विस्तारित लाभ दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ईएलआई योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री की पांच योजनाओं के पैकेज के हिस्से के रूप में की गई थी जिसका कुल बजट परिव्यय दो लाख करोड़ रुपये है। उनका कहना था कि ईएलआई योजना का लक्ष्य 99,446 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ दो वर्ष में देश में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के सृजन को प्रोत्साहित करना है। इनमें से 1.92 करोड़ लाभार्थी पहली बार कार्यबल में प्रवेश करने वाले होंगे। योजना का लाभ एक अगस्त से 31 जुलाई 2027 के बीच सृजित रोजगार पर लागू होगा। दो भागों में विभाजित कार्यक्रम में प्रथम हिस्सा पहली बार आवेदन करने वालों पर केंद्रित है जबकि दूसरा हिस्सा नियोक्ताओं पर केंद्रित है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि योजना के पहले हिस्से के तहत ईपीएफओ के साथ पंजीकृत पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए हर महीने का ईपीएफ वेतन 15,000 रुपए तक दो किस्तों में दिया जाएगा। इसके लिए एक लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी पात्र होंगे जबकि दूसरे हिस्से में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को शामिल किया जाएगा, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ईपीएफओ में पंजीकृत 50 से कम कर्मचारी वाले प्रतिष्ठानों को न्यूनतम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी या 50 से अधिक नियोक्ताओं के लिए पांच अतिरिक्त कर्मचारी नियुक्त करने की आवश्यकता होगी।