उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद रहे पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत को आज पूरा एक साल हो गया है. मुख्तार अंसारी की पिछले साल 28 मार्च को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. ऐसे में एक साल बाद अंसारी का नाम फिर से चर्चा में आ गया है. अंसारी की मौत के बाद उनकी बैरक को जज और मजिस्ट्रेट की निगरानी में सील कर दिया गया था. हालांकि अब एक साल बाद मुख्तार की बैरक फिर से खुलने वाली है. कोर्ट ने जेल प्रशासन को आदेश दिया है कि मुख्तार की बैरक में रखे सामान को उनके परिजनों को सौंपा जाए.

आदेश के मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सामान का लिखा पढ़ी में हस्तांतरण किया जाएगा. मुख्तार का सामान लेने के लिए कोर्ट का ऑर्डर मिलने के बाद जेल प्रशासन ने अंसारी के परिवार वालों को लेटर लिख दिया है. मजिस्ट्रेट और ज्यूडिशियल जांच की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्तार की मौत हार्ट अटैक से हुई थी. ऐसे में मुख्तार की मौत के मामले में चल रही जांच भी क्लोज कर दी गई है.

28 मार्च को हुई थी हार्ट अटैक से मौत

जेल प्रशासन पर मुख्तार अंसारी के परिवार वालों ने खाने में जहर देने और उचित इलाज न करने के आरोप लगाए थे. हालांकि इसके बाद मजिस्ट्रेट और ज्यूडिशियल जांच के आदेश दिए गए थे. दोनों जांच में परिजनों के आरोपों की पुष्टि नहीं हुई, और रिपोर्ट शासन को भेज दी गई. अंसारी की 26 मार्च 2024 को अचानक तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें बांदा के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. चेकअप के बाद उन्हें फिर से जेल भेज दिया गया, लेकिन 28 मार्च 2024 को उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई. जेल प्रशासन ने उन्हें मेडिकल कॉलेज ले जाने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

2021 में बांदा जेल किया गया था शिफ्ट

पंजाब के रोपड़ जेल से मुख्तार अंसारी को अप्रैल 2021 में बांदा जेल शिफ्ट किया गया था और तब से वह बांदा जेल की बैरक नंबर 16 में बंद थे.