परिणामोन्मुखी कार्य से पब्लिक की पसंद राजौरा,बनेंगे सीएस?

मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा आज पद से रिटायर हो जायेंगी. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी वीरा राणा का सेवा विस्तार 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है. ऐसे में मध्य प्रदेश के नये मुख्य सचिव की अटकलें तेज हो गयी हैं. सियासी और प्रशासनिक गलियारों में कई नामों की चर्चा हो रही है. मुख्य सचिव की दौड़ में डॉ राजेश राजौरा सबसे आगे दिखाई दे रहे हैं. माना जा रहा है कि राजेश राजौरा मध्य प्रदेश आईएएस अधिकारियों के अगले बॉस हो सकते हैं.
राजेश राजौरा के अलावा दो और नामों की चर्चा भी तेज है. मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल आईएएस अधिकारियों की धड़कनें तेज हो गयी हैं. हालांकि पहली बार ऐसा हो रहा जब दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश का अगला प्रशासनिक मुखिया कौन बनेगा? दौड़ में पहले नंबर पर डॉक्टर राजेश राजौरा चल रहे हैं. डॉ राजेश राजौरा साल 2004 में सिंहस्थ महापर्व के दौरान उज्जैन के कलेक्टर भी रह चुके हैं.
कौन होगा मध्य प्रदेश का अगला मुख्य सचिव?
प्रशासनिक गलियारों में मुख्य सचिव पद के लिए दो और नामों पर कयास लगाये जा रहे हैं. एसएन मिश्रा और अनुराग जैन का नाम मुख्य सचिव के दावेदारों की सूची में बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक सोमवार यानी कल मध्य प्रदेश को नया मुख्य सचिव मिल सकता है. मुख्य सचिव के पद तक पहुंचने वाली वीरा राणा दूसरी महिला आईएएस अफसर हैं. वीरा राणा से पहले निर्मला बुच मध्य प्रदेश की प्रशासनिक मुखिया रह चुकी हैं.
सूत्रों के मुताबिक, मुख्य सचिव की दौड़ में पहले नंबर पर डॉ राजेश राजौरा का नाम शामिल होने की वजह है. आईएएस राजेश राजौरा मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के करीबी माने जाते हैं. इसलिए मुख्य सचिव पद के प्रबल दावेदारों में से हैं. 2004 में उज्जैन कलेक्टर रहने के दौरान राजेश राजौरा की वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से नजदीकी बढ़ी है.
प्रशासनिक गलियारों में मुख्य सचिव पद के लिए दो और नामों पर कयास लगाये जा रहे हैं. एसएन मिश्रा और अनुराग जैन का नाम मुख्य सचिव के दावेदारों की सूची में बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक सोमवार यानी कल मध्य प्रदेश को नया मुख्य सचिव मिल सकता है. मुख्य सचिव के पद तक पहुंचने वाली वीरा राणा दूसरी महिला आईएएस अफसर हैं. वीरा राणा से पहले निर्मला बुच मध्य प्रदेश की प्रशासनिक मुखिया रह चुकी हैं.
सूत्रों के मुताबिक, मुख्य सचिव की दौड़ में पहले नंबर पर डॉ राजेश राजौरा का नाम शामिल होने की वजह है. आईएएस राजेश राजौरा मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के करीबी माने जाते हैं. इसलिए मुख्य सचिव पद के प्रबल दावेदारों में से हैं. 2004 में उज्जैन कलेक्टर रहने के दौरान राजेश राजौरा की वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से नजदीकी बढ़ी है.
राजेश राजौरा की जीवनी
डॉ राजेश राजौरा को सभी परिस्थितियों में काम करने का अच्छा खासा अनुभव है।राजेश राजौरा मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कार्यालय के एक महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में उभरे हैं, उन्हें कई नई जिम्मेदारियां दी गई हैं"राजेश कुमार राजोरा" देश के सबसे समर्पित नौकरशाहों में से एक हैं, जो केवल ईमानदारी और समर्पण के साथ पूर्णता और दूरदर्शिता के साथ प्रतिबद्धता और परिणामोन्मुखी कार्य में विश्वास करते हैं.श्री *राजेश कुमार राजोरा* ईमानदारी, सादगी, परिणामोन्मुखी समर्पण, कड़ी मेहनत, प्रतिबद्धता का नाम है... यहाँ हम उनके उत्कृष्ट व्यक्तित्व की कुछ ऐसी बातों पर प्रकाश डाल रहे हैं, जो उनसे मिलने वाले हर आम आदमी को छू जाती हैंराजेश कुमार राजोरा ने मध्य प्रदेश की छवि निर्माण के लिए समर्पित रूप से लगातार प्रयास किए हैं, ऐसा लगता है कि उनका एकमात्र लक्ष्य राज्य का व्यापक विकास और इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। विकास के क्षेत्र में राजेश कुमार राजोरा को उनके सकारात्मक दृष्टिकोण और ग्रहणशील रवैये के कारण दुनिया का रत्न माना जाता है जो एक अंतिम मिशन है।