पुलिस कर्मियों के इलाज का बजट नहीं, निजी अस्पतालों ने हाथ खड़े किये

राजधानी भोपाल के पुलिस कर्मियों को बजट की कमी के कारण गंभीर बीमारियों के इलाज से वंचित रहना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार निजी अस्पतालों ने पुलिसकर्मियों के इलाज का भुगतान न होने की वजह से उनका इलाज करना ही बंद कर दिया है। राजधानी भोपाल में साढ़े पांच हजार से भी ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं। पुलिसकर्मियों में रक्तचाप और मधुमेह की समस्या से ग्रस्त है। पुलिस कल्याण समिति द्वारा प्रोतिमा मलिक स्मृति अस्पताल का संचालन किया जाता हे, किंतु डॉक्टर की कमी के कारण पुलिसकर्मियों को इलाज करवाने के लिये परेशान रहना पड़ता है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल एवं डीजीपी, भोपाल से पुलिसकर्मियों के मानव अधिकारों को ध्यान में रखते हुये उनके स्वास्थ्य की रक्षा करना भी उनका कर्तव्य है। किस-किस अस्पताल में इलाज नहीं हो पा रहा है, उसकी व्यवस्था करें एवं शेष भुगतान की कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।
बिजली गिरने से दस महिलाएं झुलसी
कटनी जिले के विजयराघवगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम पिपरा में आकाशीय बिजली गिरने से दस महिलाओं के झुलसने की घटना सामने आई है। घटना के बाद सभी महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसका उपचार जारी है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं सीएमएचओ, कटनी से मामले की जांच कराकर घायल महिलाओं के स्वास्थ्य के लिये की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।
बिजली के चपेट में आने से दो किशोरों की हुई मृत्यु
डिंडोरी जिले के समनापुर थाना अंतर्गत वन ग्राम सिमरधा में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दो बालकों की मृत्यु होने की घटना सामने आई है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, डिंडोरी से मामले की जांच कराकर मृतकों के उत्तराधिकारियों को शासन की योजना/नियमानुसार देय आर्थिक सहायता के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।
पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी तो बिजली के पोल पर चढ़ा युवक
रतलाम जिले में पत्नी से छेड़छाड़ करने वाले के खिलाफ रिपोर्ट नहीं लिखने से परेशान होकर युवक के पुलिस थाने के पास आईटीआई परिसर स्थित बिजली के एक पोल पर चढ़ने का मामला सामने आया है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक, रतलाम से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।