प्रदेश में 51 विमुक्तए घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु के रूप में मान्य की गई हैं, इनमें से 21 विमुक्त तथा 30 घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु समुदाय हैं। शासन इस वर्ग के शैक्षिकए आर्थिकए सामाजिक एवं सामुदायिक विकास  हेतु नया खाका तैयार किया गया हैं । गौरतलब है कि यह जनजाति कला में महारत हासिल रखती है ऐसे में इनके कारीगरी की तलास कर इस समाज के आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर  विमुक्त जाति दिवस  पर इस समुदाय के विकास के लिए एक महापंचायत का आयोजन किया गया था। चौहान ने प्रदेश के विभिन्न वर्गों के साथ संवाद स्थापित कर उनके विचारों और सुझावों के आधार पर कल्याणकारी कार्यक्रम और योजनाओं का निर्माण एवं क्रियान्वयन की प्रक्रिया प्रारंभ की थी । 

 इसी क्रम में मप्र सरकार ने इस कार्य को ओर गति देते हुए मुख्यमंत्री इस गौरवपूर्ण आयोजन में राज्यमन्त्री श्रीमती कृष्णा गौर  ए मप्र जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर भोपाल सांसद  आलोक शर्मा  ए विधायक   रामेश्वर शर्मा , विधायक  भगवानदास सबनानी ,भोपाल महापौर , मालती राय , आयोग के अध्यक्ष सहित जनप्रतिनिधिगण व अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे । डॉ मोहन यादव   के मुख्य आतिथ्य में आयोजित राज्य स्तरीय विमुक्ति दिवस कार्यक्रम में इन जनजातियों की समस्याओं के समाधान एवं उनके सम्पूर्ण विकास पर मंथन किया गया.

इन जनजातियों की प्रमुख समस्या

शैक्षणिक पिछड़ापन

आर्थिक रूप से विपन्नता 

घुमक्कड़ प्रवृत्ति होने के कारण स्थायी आवास न होना 

घुमक्कड़ जातियों के लिए पिछले साल मिले बजट में से  करोड़ों रुपए खर्च भी हो गए लेकिन अब तक ना सही डेटाबेस तैयार हो सका है ना ही इनका विकास हो सका है। इसी बात को गंभीरता से लेते हुए मोहन सरकार  तकनीकी रूप से इसकी समस्या का समाधान खोज रही है। 

इन पर पर ध्यान दिया जाएगा

सीएम ने कहा- कबूतरी, कालबेलिया, सिकलीगर, बांछड़ा आदि जातियों के लिए विशेष योजना बनेगी. गड़रिया, लोहार जाति एवं अन्य जातियों के लिए आवश्यकतानुसार आवास व्यवस्था की जाएगी. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देते हुए इन जातियों के नागरिकों को बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी. युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण का भी लाभ दिया जाएगा. अग्निवीर और अन्य योजनाओं से लाभान्वित करने पर ध्यान दिया जाएगा. इन जातियों के युवाओं के लिए खेल क्षेत्र में भी आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी.

मांगलिक भवन भी निर्मित किए जाएंगे

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संभाग स्तर पर इन जातियों की लोक-संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए प्रयास किए जाएंगे एवं शहरों में बनने वाले गीता भवनों से भी समाज की जातियों को जोड़ा जाएगा. इन जातियों के लिए मांगलिक भवन भी निर्मित किए जाएंगे एवं उनके विकास के लिए निरंतर संवाद का सिलसिला चलेगा. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आवश्यक सामाजिक रीतियों में समय अनुकूल सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि समुदाय के कुछ लोगों के अपराध से संलग्न होने पर सम्पूर्ण समुदाय अपराधी नहीं माना जा सकता. बदलते दौर में सजा अपराधी को देने, न कि समाज को देने का भाव भी विकसित हुआ है.

मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विमुक्ति दिवस समारोह स्थल रवींद्र भवन परिसर में प्रदर्शनी का अवलोकन किया. प्रदर्शनी में विमुक्त, घुमंतु और अर्द्ध-घुमंतू समुदाय के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं और विमुक्त, घुमंतु एवं अर्द्ध-घुमंतु समुदाय के महापुरुषों, विभूतियों की जीवन गाथा को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अतिथियों के साथ प्रदर्शित चित्रों का अवलोकन किया.

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