कच्छ और सौराष्ट्र में भारी बारिश की आशंका है। इन क्षेत्रों को रेड अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र के तटों के साथ-साथ समुद्री क्षेत्रों में अगले दो दिनों तक 60-65 किमी प्रति घंटे की तेज हवाएं चल सकती हैं।

बाढ़ और बारिश से जूझ रहे गुजरात पर अब चक्रवात असना का खतरा मंडरा रहा है। अगस्त महीने में एक दुर्लभ मौसम संबंधी घटना के तहत गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में शुक्रवार को अरब सागर में चक्रवात के बनने और ओमान तट की ओर बढ़ने का अनुमान है। कच्छ और सौराष्ट्र में भारी बारिश की आशंका है। इन क्षेत्रों को रेड अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र के तटों के साथ-साथ समुद्री क्षेत्रों में अगले दो दिनों तक 60-65 किमी प्रति घंटे की तेज हवाएं चल सकती हैं।

मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर बना गहरा दबाव क्षेत्र पश्चिम-दक्षिणपश्चिम की ओर बढ़ने तथा कच्छ और उससे सटे पाकिस्तान के तटों के पास उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर उभरने और शुक्रवार को चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। जब यह चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा तो इसका नाम असना रखा जाएगा। यह नाम पाकिस्तान ने दिया है। 1891 से 2023 तक अगस्त में अरब सागर के ऊपर केवल तीन चक्रवाती तूफान विकसित हुए हैं। मौसम विभाग ने बताया कि यह 1976 के बाद अगस्त में अरब सागर के ऊपर बनने वाला पहला चक्रवाती तूफान होगा। 1976 में चक्रवात ओडिशा में विकसित हुआ था।

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