संस्कृति को अक्सर व्यक्तिगत के बजाय सामाजिक, सार्वभौमिक के बजाय स्थानीय, सहज के बजाय सीखा हुआ, जैविक के बजाय ऐतिहासिक, नियोजित के बजाय विकसित, केंद्रीकृत के बजाय वितरित और मोटे के बजाय सुसंस्कृत के रूप में वर्णित किया जाता है।

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पेज ट्राइबल कल्चर के नाम से चल रहा है। इस पेज पर भारतीय परिधान को जीवंत रखने का प्रयास किया जा रहा है। 

Facebook श्याम लाल भील 

1 व्यक्ति और बाँसुरी की फ़ोटो हो सकती है

1 व्यक्ति की फ़ोटो हो सकती है

1 व्यक्ति, मोटरसाइकल और पाठ की फ़ोटो हो सकती है

 

1 व्यक्ति और मुस्कुराते हुए की फ़ोटो हो सकती है3 लोग और पाठ की फ़ोटो हो सकती है8 लोग और लोग मुस्कुरा रहे हैं की फ़ोटो हो सकती है2 लोग, henna, विवाह और पाठ की फ़ोटो हो सकती है2 लोग की फ़ोटो हो सकती है1 व्यक्ति, मुस्कुराते हुए और मोटरसाइकल की फ़ोटो हो सकती है

न्यूज़ सोर्स : Facbook