नई दिल्ली। सरकार कृषि उद्यमियों को सहायता देने के लिए 'स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि कोष'(AgriSURE) शुरू करने जा रही है। शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस कोष के माध्यम से निवेश क्षेत्र-विशिष्ट होगा और ऋण वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) के साथ-साथ कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्ट-अप को प्रत्यक्ष इक्विटी सहायता भी दी जाएगी।

ये है विजन

इस पहल का उद्देश्य 750 करोड़ रुपये की कैटेगरी-II वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) की स्थापना के माध्यम से भारत के कृषि क्षेत्र में इनोवेशन और स्टेबिलिटी को बढ़ावा देना है। यह कोष विशेष रूप से कृषि मूल्य श्रृंखला में उच्च जोखिम, उच्च प्रभाव वाली गतिविधियों को लक्षित करते हुए इक्विटी और ऋण दोनों सहायता प्रदान करेगा। 

ऐसे मिलेगी सरकार से मद

सरकार के एक आधिकारिक बयान के मुताबिक इस फंड से सरकार गांव, कृषि और इनसे जुड़े उद्योगों में निवेश करेगी. सरकार विशेष तौर पर कृषि और इससे संबद्ध सेक्टर्स में काम करने वाले स्टार्टअप को लोन के साथ इक्विटी सपोर्ट भी देगी. इस इनिशिएटिव का मुख्य उद्देश्य 750 करोड़ रुपए के फंड के जरिए भारत के कृषि क्षेत्र में इनोवेशन और स्टेबिलिटी को बढ़ावा देना है.

नाबार्ड ने एक बयान में बताया कि इस फंड का उद्देश्य कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में नई खोज, तकनीक पर आधारित, थोड़ा जोखिम वाले लेकिन ज्यादा फायदे वाले कार्यों को बढ़ावा देना है।

नाबार्ड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी नाबवेंचर्स द्वारा मैनेज किए जा रहे इस फंड को आने वाले समय में लगभग 85 कृषि स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए बनाया गया है। हर स्टार्टअप को अधिकतम 25 करोड़ रुपये तक का निवेश दिया जा सकता है।

यह फंड कृषि से जुड़े और अलग-अलग क्षेत्रों के लिए बने विशेष निवेश फंड (AIF) और साथ ही सीधे तौर पर स्टार्टअप्स को इक्विटी सहायता प्रदान करके सहायता करेगा।

“अग्रि-सुर” फंड के मुख्य क्षेत्रों में कृषि में नई खोज और तकनीक पर आधारित पहलों को बढ़ावा देना, फसल उत्पादन से अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचाने की प्रक्रिया (वैल्यू चेन) को मजबूत बनाना, ग्रामीण इलाकों में नई व्यवस्था और बुनियादी ढांचा तैयार करना, रोजगार पैदा करना और किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को सहयोग देना शामिल है।

साथ ही, यह फंड आईटी आधारित समाधानों और किसानों के लिए मशीन को किराये से उपलब्ध कराने की सेवाओं के माध्यम से उद्यमशीलता को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है, जो कृषि क्षेत्र में सतत विकास को गति देगा।

 

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव अजीत कुमार साहू ने इस कोष की क्षमता पर जोर दिया, जिससे एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सके जो नवीन दृष्टिकोणों के माध्यम से कृषि क्षेत्र के लिए वित्तपोषण को बढ़ाए, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को लाभ हो।

न्यूज़ सोर्स : (PTI के इनपुट के साथ)