ईसाई-इस्लामी धर्मांतरण के खिलाफ सड़कों पर आदिवासी

झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, सहित देश के कई राज्यों में आदिवासी आंदोलनरत हैं। प्रदर्शन कर रहे हैं। रैलियाँ निकाल रहे हैं। सरकार को ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं। नारे लग रहे हैं जो भोलेनाथ का नहीं, वह हमारा नहीं। इनकी माँग उन लोगों से एसटी दर्जा छीनने की है जो धर्म परिवर्तन कर ईसाई या मुस्लिम बन गए हैं।
इसी क्रम में मध्य प्रदेश के इंदौर, धार, सीहोर, खंडवा, श्योपुर, अशोकनगर, रतलाम-झाबुआ में रैली निकाली गई। वहीं छत्तीसगढ़ के कोंडागाँव और कोरबा में भी रैली निकालकर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जिन्होंने धर्म बदल लिया है वे आदिवासी आरक्षण का लाभ क्यों लेते हैं। धर्मांतरण करने वाले आदिवासी समुदाय के लोग या तो घर वापसी करें या फिर आदिवासियों के नाम पर सरकार से प्राप्त सुविधाएँ व आरक्षण का लाभ लेना बंद करें। इनकी माँग है कि धर्म परिवर्तन करने वाले आदिवासी समुदाय के लोगों को सरकारी नौकरियों और प्रवेश में आरक्षण लाभ से वंचित किया जाना चाहिए। इसके लिए उनकी डिलिस्टिंग किया जाए।
रतलाम-झबुआ से बीजेपी सांसद गुमान सिंह डामोर ने पिछले दिनों कहा था कि मध्य प्रदेश के 22 जिलों समेत सभी आदिवासी बहुल जिलों में डिलिस्टिंग रैलियों का आयोजन होगा। उनका कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 342 में अनुसूचित जनजाति को आरक्षण देने के बारे में उल्लेख किया गया है। वहीं संविधान का अनुच्छेद 341 कहता है कि अगर इस जाति के लोग अन्य धर्म अपनाते हैं तो उन्हें आरक्षण से वंचित किया जाएगा।
ऐसे लोग जो धर्मांतरण कर ईसाई या मुस्लिम बन जाते हैं फिर भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षण का लाभ लेते हैं, उन्हें इस दायरे से बाहर करने की प्रक्रिया को डिलिस्टिंग कहते हैं। बताया जाता है कि इनकी वजह से अनुसूचित जनजाति वर्ग के हकदार 90% लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है।
गौरतलब है कि डिलिस्टिंग को लेकर आंदोलन करीब 50 साल पहले कॉन्ग्रेस के ही डाक्टर कार्तिक उरांव ने शुरू किया था। इस आंदोलन के जरिए अपनी परंपराएँ छोड़ चुके लोगों को सूची से बाहर करने की आवाज उठाई जा रही। इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को 235 सांसदों के हस्ताक्षर सहित ज्ञापन देकर कानून बनाने के लिए संसद में भी प्रयास किया गया था। 1970 में भी 348 सांसदों ने ज्ञापन देकर जनजाति समाज के समर्थन में आवाज उठाई थी। बावजूद स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है।
आपकी राय
पाठको की राय
- कैंडी और जैम से वर्षावनों की रक्षा हो सकती है
- अग्निपथ योजना युवाओं और सेना के हित में नहीं, इसे वापस ले सरकार
- सामूहिक प्रयासों ने मध्य प्रदेश को बनाया रणजी चैंपियन
- इटारसी में सीएम शिवराज की चाय चौपाल
- महिला आयोग पद से इस्तीफा देंगी शोभा ओझा
- अग्निपथ भर्ती के लिए सेना ने जारी किया नोटिफिकेशन
- अपने 'वीर जी' को बचाने प्रियंका वाड्रा ले रहीं 'अग्निवीर' का सहारा
- अपने 'वीर जी' को बचाने प्रियंका वाड्रा ले रहीं 'अग्निवीर' का सहारा
- राष्ट्रपति चुनावों में आंकड़े किसकी तरफ
- सिंधिया के शागिर्द: पंजे से तोड़ा रिश्ता मिला नजराना भाजपा टिकट
- 142 हेक्टेयर वीरान पहाड़ी को हरा भरा करने की पहल के लिए चर्चा में मप्र का एक गाॅव
- औबेदुल्लागंज - भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कोठारी नहीं रहे
- समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए हुआ है जन अभियान परिषद का गठन
- गैंगस्टर मुख्तार मलिक की झालावाड़ में मौत
- बालाघाट की एक पंचायत ने रचा इतिहास, सभी 15 महिला पंचों सहित सरपंच निर्विरोध निर्वाचित
- भारत में इतनी गर्मी क्यों पड़ रही है
- संघ नहीं करेगा कोई और मंदिर आंदोलन
- ताश के पत्ते पर औबेदुल्लागंज , जुआ-सट्टे के आगोश में युवा
- मस्जिदों में भगवान और अदालतों में मुकदमों का अंबार
- तालाब निर्माण की सनातनी प्रथा और मानव जीवन