महाराष्ट्र में कोरोना के मामले बढ़ने से हरकत में सरकार
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस म्युटेशन के कई मामले सामने आए हैं और इस वजह से वैज्ञानिक भी हैरानी में पड़ गए हैं. करीब 75 दिनों के बाद महाराष्ट्र में गुरुवार को 5,000 केस सामने आए, सिर्फ मुंबई में ही इसी दिन 700 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. महाराष्ट्र में अब तक 20,81,520 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. वहीं राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 42 हजार के पार चली गई है. महाराष्ट्र में 51,669 लोगों की मौत इस महामारी के कारण हो चुकी है.
महाराष्ट्र सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विदर्भ के तीन जिले यवतमाल, अकोला और अमरावती के बड़े इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित करने और लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों को लगाने का आदेश दिया है. विदर्भ क्षेत्र के 11 जिलों के कलेक्टरों ने भी बढ़ते मामले को देखते हुए कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. हालांकि संपूर्ण लॉकडाउन के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी जरूरी है.
महाराष्ट्र में चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय के प्रमुख डॉ. टीपी लहाणे ने समाचार चैनल एनडीटीवी को बताया है कि राज्य में म्यूटेशन के व्यवहार को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी है कि यह कितना तेज या धीरे फैलता है. साथ ही उन्होंने बताया है कि म्यूटेशन को वायरस का अलग स्ट्रेन कहना जल्दबाजी होगी.
सख्ती बढ़ाई गई
अमरावती में शनिवार रात 8 बजे से लेकर सोमवार सुबह 7 बजे तक लॉकडाउन लगा रहेगा. लॉकडाउन के दौरान बाजार और अन्य प्रतिष्ठान बंद रहेंगे. हालांकि आवश्यक सेवाएं अप्रभावित रहेंगी. वहीं यवतमाल में लॉकडाउन तो नहीं लगाया गया है, लेकिन कई पाबंदियां जरूर लग गई हैं. यवतमाल के जिला अधिकारी देवेंद्र सिंह के मुताबिक जिले में स्कूल और कॉलेज 28 फरवरी तक बंद रहेंगे, जबकि शादी समारोह में सिर्फ 50 लोगों के शामिल होने की इजाजत होगी. उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थल खुले रहेंगे लेकिन कोविड नियमों का पालन करना होगा. वहीं अकोला में प्रशासन ऐसे मॉल और रेस्तरां पर कार्रवाई करेगा जो कोविड नियमों का पालन नहीं करा रहे हैं. इसके अलावा अकोला में शादी समारोह और सामाजिक आयोजनों में 50 से ज्यादा लोगों के शामिल होने पर रोक है.