मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिले में 'लकड़ी बाजार' तैयार करेगी सरकार

राज्य सरकार अब लकड़ी आधारित उद्योगों को बढ़ावा देगी। किसानों-उद्योगपतियों के सहयोग से प्रदेश में लकड़ी उत्पादन बढ़ाकर इस लकड़ी को बाजार में एक नियत स्थान से बेचा जाएगा। इसके लिए सरकार प्रदेश के सभी जिलोें में 'लकड़ी बाजार (क्लस्टर)" खोलने की तैयारी कर रही है। उसमें लकड़ी आधारित सभी सामान के साथ लकड़ी से तैयार उत्पादों के उद्योग भी रहेंगे। सरकार ने इस पर वन विभाग से विस्तृत योजना मांगी है।
प्रदेश में हर साल 35 हजार करोड़ रुपये की लकड़ी दूसरे राज्यों या विदेश से आती है। सरकार इसे बड़े रोजगार और राजस्व के रूप में देख रही है। इसलिए खाली पड़ी (जिस भूमि पर पेड़ नहीं हैं) 60 हजार हेक्टेयर वनभूमि को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। इसके अलावा सरकार किसानों को भी विभिन्न् प्रजाति के पेड़ और बांस लगाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इस लकड़ी को बाजार देने के लिए सभी जिलों में लकड़ी बाजार खोले जाएंगे।
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में मंगलवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वन अधिकारियों से इस पर विस्तार से बात की और योजना तैयार करने को कहा। सरकार ऐसा बाजार तैयार करेगी, जिसमें लकड़ी आधारित सामग्री का निर्माण भी होगा और बिक्री भी। इस बाजार में प्लाईवुड, बांस, बल्ली, पटिए, बांस या लकड़ी के टाइल्स, इंटीरियर डिजाइन के सामान सहित लकड़ी से बनने वाला हर सामान मिलेगा। गौरतलब है कि देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में मध्य प्रदेश में 94 हजार हेक्टेयर से ज्यादा वनभूमि है।