लखनऊ । यूपी में कटियाबाजों का जुर्माना नहीं कम किया जाएगा। यह राहत उन्हीं उपभोक्ताओं कोमिलेगी जिनके मीटर में रिमोट लगा है या जो मीटर को नो डिस्प्ले रीडिंग स्टोर कर बिजली चोरी कर रहे हैं। उनके घर-दुकान में यदि हर महीने 400 यूनिट बिजली जलती है तो मीटर में 200 यूनिट ही दर्ज होती है। नो डिस्प्ले वाले मीटर में बिजली तो खूब जलती है पर यूनिट नहीं दिखाई देती। पूरा रिकॉर्ड चिप में दर्ज होता रहता है। कुछ लोग सेटिंग कर मीटर की रीडिंग स्टोर करवा देते हैं जिसे बाद में जला दिया जाता है।
बिजली चोरी में भारी जुर्माने के साथ जेल तक हो सकती है। हालांकि लेसा यह जुर्म कुबूलने वालों को थोड़ी राहत दे रहा है। बिजली चोरी करने वाले अगर अपने इलाके के एक्सईएन एसडीओ कार्यालय जाकर लिखित रूप से बिजली चोरी करने का जुर्म कुबूल कर लें तो उन्हें बहुत कम जुर्माना भरना पड़ेगा। ऐसा नहीं किया और पुलिस प्रवर्तन के छापे में बिजली चोरी पकड़ी गई तो एफआईआर के साथ 12 महीने का जुर्माना भरना पड़ेगा। 
गोमतीनगर, इंदिरानगर, पुराने शहर सहित राजधानी के सभी इलाकों में मीटर में गड़बड़ी कर बिजली चोरी कर रहे उपभोक्ताओं की पहचान कर ली गई है। जुर्माना भरने के बाद इनका मीटर बदल दिया जाएगा। बिजली चोरी की यह पोल एक से चार किलोवाट वाले उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग एप व पांच किलोवाट या इससे अधिक लोड के उपभोक्ताओं की एमआरआई तकनीकी से बिलिंग कराने पर खुली है। इन उपभोक्ताओं को सूचीबद्ध किया जा रहा है, जिससे इनके यहां छापा मारा जा सके।
कटियाबाजों का जुर्माना नहीं कम किया जाएगा। यह राहत उन्हीं उपभोक्ताओं को मिलेगी जिनके मीटर में रिमोट लगा है या जो मीटर को नो डिस्प्ले रीडिंग स्टोर कर बिजली चोरी कर रहे हैं। जिनके मीटर में रिमोट लगा है उनके घर-दुकान में यदि हर महीने 400 यूनिट बिजली जलती है तो मीटर में 200 यूनिट ही दर्ज होती है। नो डिस्प्ले वाले मीटर में बिजली तो खूब जलती है, पर यूनिट नहीं दिखाई देती है। 
जो बिजली चोरी का जुर्म कुबूलेंगे उन्हें जुर्माने के रूप में जमा कराए तीन बिलों की रकम को सामान्य टैरिफ के बजाय दोगुने से भरना होगा। यदि किसी के मीटर में रिमोट लगा रहा जिससे वह हर महीने 200 यूनिट बिजली का बिल जमा करता रहा। अब वह जिस दिन जुर्म कुबूलेगा उससे पहले के 3 महीने में 600 यूनिट का बिल जमा किया होगा जो लगभग 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बना होगा। अब जुर्माने के रूप में इसी 600 यूनिट का बिल दोगुने रेट 13 रुपये प्रति यूनिट की दर से चुकाना पड़ेगा। इसी फॉर्मूले के आधार पर नो डिस्पले और स्टोर रीडिंग का भी जुर्माना लगेगा। कई बार लोग किसी के बहकावे में आकर मीटर की सील तोड़कर उसे स्लो करवा लेते हैं। ऐसे उपभोक्ता खुद बिजली चोरी स्वीकार कर जुर्माना भर देंगे तो उनके जुर्म का विवरण गोपनीय रखा जाएगा।