सनातन धर्म में मानव कल्याण के कई रहस्य बताए गए हैं आज हम बताने जा रहे हैं एक ऐसे ही रहस्य के बारे में जो नवरात्र में करने पर आपके घरों के कई बाधाओं को दूर कर सकता है। वेदों के अनुसार हमारा शरीर प्रकृति के पांच तत्वों से मिलकर बना है। ये पांच तत्व हमारे शरीर में वही प्रतिक्रिया करते हैं जैसे हम प्रकृति के साथ करते हैं। अगर इन्हे संतुलित बनाये रखना है तो हमें इन तत्वों के उपयोग का भी ज्ञान होना जरूरी है। आज हम अपको कुछ ऐसी जानकारी ग्रंथों,मान्यताओं एवं वास्तुशास्त्र की खोज खबर के  बाद बताने जा रहे हैं।

कुछ ही दिनों में नवरात्र का महापर्व प्रारंभ होने जा रहा है। इस महा पर्व में कई विधान मानव कल्याण के लिए किये जाते हैं हम आज आपको कुछ विधान को करने के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं जो सामान्यतः आप स्वयं अपने घर में करके नकारात्मक उर्जा को अपने घर से निकाल सकते हैं।

गाय के कंड़े का धुआं

 प्राचीन धर्म से जुड़े विद्वानों के अनुसार नवरात्रों में गाय के गोबर से बने उपले को जलाकर पूरे घर में उसका धुआं करें। इस धुएं के फैलने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और बुरी शक्तियां घर छोड़कर  चलीं जाती हैं। इस विधि में आप कपूर,लौंग एवं पीपल एवं आम की लकड़ी का उपयोग कर सकते हैं,साथ ही थोड़ा सा घी एवं सरसों का तेल का उपयोग भी इस क्रिया में कर सकते हैं। रोजाना गोबर के उपले जलाकर पूरे मंदिर में घुमाने के बाद परिवार के सदस्यों के ऊपर से घुमाने से आपसी प्रेम बढ़ता है और घर में अगर कलह का माहौल है तो उसमें भी शांति आ जाती है। ण्गाय के गोबर को शास्त्रों के अनुसार बहुत ही शुद्ध और लाभकारी माना जाता है इसलिए पूजा के दौरान इसका प्रयोग करने से अवश्य ही लाभ मिलता है।  शास्त्रों की माने तो गाय में सभी देवी देवताओं का वास है नवरात्र में माता रानी की कृपा पाने एवं अपने घर की नकारात्मक उर्जा को नष्ट करने एवं वातावरण को शुद्व बनाने यह प्राचीन उपाय अपनाकर अपने जीवन को स्वस्थ्य एवं सफल बनाएं।  नवरात्रि के दौरान माता रानी को  प्रसन्न करने के लिए हर दिन सुबह घर की सफाई करें। सुबह शाम विधि विधान से पूजा अर्चना करें। नवरात्रि के दौरान दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत अच्छा माना जाता है। नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन कर माता रानी का ध्यान कर अपनी मनोकामना पूर्ण की जा सकती है।

न्यूज़ सोर्स : ipm