2010 की चैंपियन स्पेन राउंड ऑफ-16 में हारकर फीफा वर्ल्ड कप से बाहर हो गई। उन्हें मोरक्को ने पेनल्टी शूटआउट में हरा दिया। फुल टाइम के बाद एक्स्ट्रा टाइम तक दोनों टीमें कोई गोल नहीं कर सकी थीं। अब स्पेन को एक और झटका लगा है। स्पेन फुटबॉल फेडरेशन ने मौजूदा कोच लुईस एनरिके को उनके पद से हटा दिया है। साथ ही स्पेन अंडर-21 टीम के कोच लुईस डे ला फुएंते को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

स्पेन ने फीफा वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज के दौरान कोस्टा रिका को 7-0 से हराकर अपने अभियान की शानदार शुरुआत की थी। हालांकि, जर्मनी के खिलाफ ड्रॉ और फिर जापान से 2-1 से हार के बावजूद टीम नॉकआउट के लिए क्वालिफाई करने में कामयाब रही थी। स्पेन की टीम मोरक्को के खिलाफ अपने अंतिम -16 मैच के लिए फेवरेट थी,लेकिन एक्स्ट्रा टाइम में भी स्पेन की टीम कोई गोल नहीं कर सकी और पेनल्टी शूटआउट में मोरक्को के गोलकीपर ने ज्यादा बचाव किए।

RFEF (फुटबॉल संघ) ने एक बयान में कहा- अध्यक्ष लुइस रुबियल्स और खेल निदेशक, जोस फ्रांसिस्को मोलिना दोनों ने कोच को अपना फैसला बता दिया है। उन्होंने कहा कि वे लुइस एनरिके और उनके कर्मचारियों को उनके काम के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने एक "नया प्रोजेक्ट" शुरू करने का फैसला किया है। कुछ ही समय बाद महासंघ ने घोषणा की कि फुएंते, जिन्होंने पिछले साल के ओलंपिक में स्पेन की पुरुष टीम को रजत पदक दिलाया था, स्पेन फुटबॉल टीम के नए कोच बनाए गए।

लुइस एनरिके ने मंगलवार को मोरक्को से मिली हार के बाद कहा था कि वह कोच के पद पर बने रहना चाहते हैं। एनरिके ने कहा था- मैं स्पेनिश फुटबॉल एसोसिएशन, अध्यक्ष और खेल निदेशक के साथ बहुत खुश हूं। एनरिके ने कहा- अगर फैसला मेरे ऊपर होता तो मैं जीवन भर रहता, लेकिन ऐसा नहीं है। मुझे शांति से सोचना होगा कि मेरे लिए और राष्ट्रीय टीम के लिए सबसे अच्छा क्या है। स्पेन ने पिछली बार यूरो 2012 (यूरो कप) में कोई मेजर ट्रॉफी जीती थी, जबकि 2010 में दक्षिण अफ्रीका में जीत के बाद से उन्होंने विश्व कप में एक भी नॉकआउट गेम नहीं जीता है।