लखनऊ । यूपी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर में चीन के उपकरण 21 में से 13 उपकरण चीन के हैं। यह बात खुद संबंधित कंपनियों ने स्वीकार की है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की ओर से स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी चल रही थी। इस बीच उपभोक्ता परिषद ने मीटर में चीन के उपकरण होने पर विद्युत नियामक आयोग में आपत्ति जतायी है। कंपनियों से मीटर में लगने वाले आंतरिक उपकरणों का विवरण मांगा गया है।
पोलरिस मीटर कंपनी ने बताया कि उसके मीटर में लगे 21 में से 13 कंपोनेंट चीन के हैं। जबकि ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 11 अगस्त को जारी आदेश में कहा गया है कि बॉर्डर एरिया के देशों से खरीदने वाले कंपोनेंट पर केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति जरूरी है। ऐसे में चीन निर्मित कंपोनेंट पर बिना अनुमति के अनुमोदन नहीं दिया जा सकता है।
सरकार द्वारा तय गाइडलाइन के हिसाब से मीटर के अंदर लगने वाले कंपोनेंट में 60 प्रतिशत कंपोनेंट भारतीय होनी चाहिए। यह भी कहा गया है कि एक जून 2025 के बाद यह सीमा 70 प्रतिशत हो सकती है। अब मामले का खुलासा होने के बाद मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने पावर कॉर्पोरेशन को पत्र लिखकर पूछा है कि इन परिस्थितियों में क्या किया जाए? जबकि कॉर्पोरेशन प्रबंधन के अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। उनका तर्क है कि ऊर्जा मंत्रालय से आदेश का परीक्षण कराया जा रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व सदस्य राज्य सलाहकार समिति अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि यह गंभीर मामला है कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने ऊर्जा मंत्रालय के आदेश का खुला उल्लंघन किया है। उन्होंने नियामक आयोग से मांग की है कि नियमों के विपरीत जिन लोगों ने संबंधित कंपनियों को मीटर लगाने का निर्देश दिया है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।