वर्तमान सरकारों ने शराब के नशे में पूरे प्रदेश को धकेल दिया है।  इस बीच प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारतीय ने सरकार एवं शराब माफियाओं को टेशन में डाल दिया है। उमा का कहना है शराब प्रदेश के सर्वजन विकास में बड़ी बाधा है इसके रहते जनता निरंकुश एवं राजनीति गंदी होती जा रही है। समाज में बदलाव के लिए शराब के नशे से प्रदेश को निकालना जरूरी है। 

  पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अब मधुशालाओं में गोशाला खोलेंगी। इसकी शुरुआत वे बुधवार को ओरछा से करेंगी। उन्होंने इसकी घोषणा मंगलवार को भोपाल के अयोध्या नगर में शराब नीति में बदलाव को लेकर अपने तीन दिवसीय प्रवास के समापन पर की। अयोध्या नगर स्थित मंदिर में वे आम लोगों को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि गाय को हिंदुत्व से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। यह हिंदुत्व का नहीं, दूध का मुद्दा है। यदि हिंदू का बच्चा गाय का दूध पीकर बड़ा होता है, तो मुस्लिम का बच्चा भी नल का पानी पीकर मजबूत नहीं होता है। बता दें कि मप्र की शराब नीति में बदलाव को लेकर उमा मुखर बनी हुई हैं। कैबिनेट की बैठक में 31 जनवरी को नई शराब नीति लागू की जानी थी, लेकिन इसकी तारीख आगे बढ़ा दी गई। इसके बाद उनका प्रवास भी खत्म हो गया।

उन्होंने कहा कि ओरछा में रामराजा सरकार के प्रवेश द्वार के ठीक पहले शराब की जो दुकान है, वह अवैध है। विधि विभाग की भूल से उन्हें कोर्ट से स्टे मिल गया है। इसलिए मैं इस मधुशाला को गोशाला में बदल देना चाहती हूं। यह एकमात्र उदाहरण होगा, बाकी मैं नई शराब नीति की प्रतीक्षा करूंगी। जब तक शराब नीति में उनका सुझाव शामिल नहीं किया जाता, तब तक शराब को लेकर विरोध जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर मेरा विश्वास भी है और उनके प्रति सम्मान भी है।

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