भोपाल। राजधानी में अमृत-दो योजना के तहत तीन हजार करोड़ रुपये से सीवेज नेटवर्क बिछाया जाएगा। इससे शहर के 80 प्रतिशत क्षेत्र में खुले में बहने वाले सीवेज की गंदगी और दुर्गंध से मुक्ति मिलेगी। अमृत-दो के तहत आगामी पांच वर्षों में 1196 किलोमीटर का सीवेज की पाइप लाइन बिछाई जाना है। वहीं घरों से निकलने वाले सीवेज का उपचारित करने के लिए नौ मल-जल शोधन संयंत्रों की स्थापना की होगी। अधिकारियों का दावा है कि इससे 120 एमएलडी गंदे पानी का शोधन प्रतिदिन किया जाएगा।
सीवेज शाखा के अधीक्षण यंत्री संतोष गुप्ता ने बताया कि नगर निगम को प्रथम चरण में शासन से एक हजार करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके बाद कार्य की प्रगति को देखते हुए किश्तें जारी होंगी। अमृत-दो के तहत सीवेज नेटवर्क बिछाने के लिए वर्ष 2028 तक की समयसीमा तय की गई है। वर्तमान में 45 प्रतिशत शहर में ही सीवेज का नेटवर्क है, जबकि 55 प्रतिशत हिस्से में लोग खुले में बहने वाले सीवेज से परेशान हैं। हालांकि अमृत-एक के तहत शहर के 350 किलोमीटर सीवेज नेटवर्क बिछाया जा चुका है। लेकिन इनमें घरों के कनेक्शन नहीं होने से अभी कालोनियों के सामने सीवेज के तालाब बन गए हैं।


पुराने शहर में मजबूत होगा सीवेज नेटवर्क
बीते दस वर्ष पहले पीएचई विभाग ने पुराने शहर के कुछ क्षेत्रों में सीवेज की पाइप लाइनें बिछाई थी। 50 हजार से अधिक घरों को इस कनेक्शन से जोड़ा गया था। लेकिन इतने वर्षों में ये पाइप लाइनें भी जर्जर हो गई हैं। जगह-जगह पाइप लाइन चोक होने और चैंबर ओवरफ्लो होने की शिकायतें मिल रही हैं। यह गंदा पानी बड़े तालाब समेत अन्य जलाशयों में पहुंच रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अमृत-दो योजना के तहत मिले बजट से पुराने शहर में भी सीवेज नेटवर्क मजबूत होगा। विशेषज्ञों ने बताया कि के करीब 412 वर्ग किलोमीटर में फैले शहर की आबादी 30 लाख को पार कर चुकी है। यहां प्रतिदिन 400 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जाती है। इसका 75 प्रतिशत पानी गंदा होकर सीवेज लाइन में पहुंचता है। ऐसे में सीवेज के लिए 1800 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने की जरूरत है।


नौ एसटीपी और 13 पंपिंग स्टेशन भी बनेंगे
सीवेज के पानी का पुर्नउपयोग लायक बनाने के लिए नए नौ एसटीपी और 13 पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। ये एसटीपी पीपलनेर, लाउखेड़ी, रासलाखेड़ी, चांदबड़, खजूरी गेट, स्टिल कैंपस अवधपुरी, मक्सी, बागमुगालिया और पांच नंबर तालाब में बनेंगे। इससे 120 एमएलडी गंदे पानी का शोधन किया जाएगा। वर्तमान में नौ एसटीपी हैं, इनकी क्षमता भी 120 एमएलडी की है। अधिकारियों का दावा है कि अमृत-एक के तहत शहर में 82 हजार से अधिक घरों को सीवेज लाइन से जोड़ा गया है। जबकि अमृत-दो के तहत 1.14 लाख घरों को सीवेज कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है।