भोपाल ।  मध्‍य प्रदेश में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तैयारी तेज कर दी हैं। दो अगस्त से मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण और मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन होगा। चुनाव की तैयारियों को देखने के लिए उप निर्वाचन आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा के नेतृत्व में आयोग की टीम का मध्य प्रदेश में पहला दौरा तीन जुलाई से होगा।तीन दिवसीय इस दौरे में पहले कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक होगी। इसके बाद पांच जुलाई को मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि मतदाता सूची को अद्यतन करने के साथ मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन अगस्त में होगा। सभी जिलों में इसकी तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं। इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की प्रथम चरण की जांच कराई जा चुकी है। कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं। निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव संचालन संबंधी प्रशिक्षण भी दिला दिया है। सोमवार को ही सभी जांच एजेंसियों के साथ बैठक करके उन्हें नोडल अधिकारी नियुक्त करने, संवेदनशील क्षेत्रों के साथ उन क्षेत्रों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं, जहां मतदान के प्रभावित होने की संभावना रहती है। चुनाव आयोग की टीम इन्हीं सब तैयारियों को लेकर जिला अधिकारियों से मैदानी स्थिति के बारे में जानकारी लेगी। तीन जुलाई को भोपाल और इंदौर संभाग के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों की बैठक होगी। चार जुलाई को शेष सभी जिलों के अधिकारियों से टीम बात करेगी। पांच जुलाई को मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक सहित अन्य प्रमुख विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी।

31 जुलाई तक करने हैं तबादले

चुनाव आयोग ने शासन को चुनाव से संबद्ध ऐसी सभी अधिकारियों के तबादले 31 जुलाई तक करने के लिए कहा है, जिन्हें एक स्थान पर पदस्थ रहते तीन वर्ष हो चुके हैं। गृह जिले में पदस्थ अधिकारी को भी हटाना पड़ेगा। इसमें प्रमुख रूप से कलेक्टर, अतिरिक्त, संयुक्त, उप कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पुलिस महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक, सहायक महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक से लेकर सहायक निरीक्षक तक के अधिकारी शामिल हैं।