इस्लामाबाद। पाकिस्तान की राजनीति में जो भी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठता है उसे बाद में कई तरह के संकटों का सामना करना पड़ता है। नवाज शरीफ के पीएम पद से हटते ही उन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। अब पाकिस्तान की सत्ताधारी मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सुप्रीम लीडर नवाज शरीफ के बेटे हुसैन और हसन छह साल बाद देश लौट आए हैं। हुसैन और हसन की पाकिस्तान वापसी ऐसे समय में हुई है जब उनके चाचा शहबाज शरीफ ने पहली बार चुनाव जीतकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली है। 2016 के पनामा पेपर्स घोटाले में नाम आने के बाद हसन नवाज और हुसैन नवाज ने 2018 में पाकिस्तान छोड़ दिया था। यह मामला शरीफ परिवार के पास लंदन में शानदार अपार्टमेंट होने से संबंधित है। एक जवाबदेही अदालत ने उन्हें 2018 में एवेनफिल्ड मामले में अपराधी घोषित किया था और उनके खिलाफ गैर-जमानती स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। 
गिरफ्तारी से बचने के लिए वे लंदन चले गए थे। हालांकि जवाबदेही अदालत ने पनामा पेपर्स घोटाले में उनकी गिरफ्तारी वारंट को निलंबित कर दिया है। पीएमएल-एन पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘‘नवाज के बेटे मंगलवार को लंदन से यहां पहुंचे और उन्हें कड़ी सुरक्षा में उनके ‘जाति उमरा लाहौर’ स्थित उनके घर ले जाया गया। नवाज शरीफ पीएमएल-एन के प्रमुख हैं। शरीफ परिवार के ‘जाति उमरा’ आवास को पहले ही मुख्यमंत्री आवास घोषित किया जा चुका है, जहां पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज और उनके पिता नवाज शरीफ की सुरक्षा और प्रोटोकॉल के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। हुसैन और हसन ने अपने वकील के माध्यम से इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत में आवेदन किया और एवेनफील्ड अपार्टमेंट, अल-अजीजिया और ‘फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट’ मामलों में उनके खिलाफ जारी वारंट को निलंबित करने का अनुरोध किया जिसे स्वीकार कर लिया गया। पिछले हफ्ते अदालत ने पनामा पेपर्स घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के तीन मामलों में उनके गिरफ्तारी वारंट को 14 मार्च तक के लिए निलंबित कर दिया था।दोनों भाई ब्रिटिश नागरिक हैं। इन दोनों को 2018 में उनके पिता नवाज शरीफ, बहन मरियम नवाज और उनके पति मुहम्मद सफदर के साथ इन मामलों में फंसाया गया था।