भोपाल । जून के आखिरी सप्ताह में मध्यप्रदेश में मानसून मेहरबान रहा। टीकमगढ़, निवाड़ी, सिवनी समेत कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए, तो कई जगहों पर नदी-नालों में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर बचाना पड़ा। शुक्रवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हुई। बारिश का यह दौर जुलाई के पहले दिन शनिवार को भी जारी रह सकता है। रविवार से मानसून की रफ्तार धीमी पडऩे का अनुमान है। इससे तेज बारिश होने के आसार नहीं हैं।
मौसम केंद्र, भोपाल के सीनियर मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि प्रदेश में एक्टिव कम दबाव के सिस्टम का असर कम हुआ है। अभी एक ट्रफ लाइन गुजर रही है। इसके चलते उत्तरी मध्यप्रदेश में थोड़ी बारिश होगी। शनिवार को ग्वालियर-चंबल संभाग में तेज बारिश हो सकती है। सागर संभाग के टीकमगढ़, पन्ना और छतरपुर में भी बारिश की एक्टिविटी रहेगी। प्रदेश के अन्य हिस्सों में कम बारिश हो सकती है। उन्होंने बताया कि दो दिन तक बारिश में कमी हो सकती है, लेकिन 4 जुलाई को एक साइकोनिक सिस्टम एक्टिव हो रहा है। हालांकि, यह कितना स्ट्रॉन्ग रहेगा, यह साफ नहीं है। यदि यह स्ट्रॉन्ग निकला तो प्रदेशभर में फिर से तेज बारिश का दौर शुरू हो जाएगा।
प्रदेश के कई जिलों में शनिवार को बादल छाए रहे तो नर्मदापुरम में रूक-रूककर बारिश का दौर चलता रहा। बारिश के रूकते ही किसानों ने भी खरीफ फसल की बोवनी शुरू कर दी है। इसमें सोयाबीन, धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंगफली, गन्ना प्रमुख हैं। किसानों का कहना है कि कई जिलों में अभी धान के लिए पर्याप्त बारिश नहीं हुई है, जिस कारण धान के पौधे नहीं रोपे गए हैं। खेतों में बतर आते ही अन्य फसलों की बोवनी शुरू हो जाएगी। नर्मपुरम, जबलपुर में धान के लायक बारिश हो जाने के बाद कई गांवों में धान रोपना भी शुरू हो गया है।