यह सच है कि सास अगर बहु को बेटी के रूप में देखने लगे तो समाज में महिला कल्याण को लेकर और बदलाव आ सकते हैं। आपसी झगड़े एवं छोटी -छोटी  बातो पर मनमुटाव से बहुएं खून की कमी का शिकार हो रहीं है। एक रिपोर्ट की मानें तो  महिलाओं में खून की कमी का कारण खान- पान न के साथ -साथ   पारिवारिक कलह भी है। मानसिंक रूप से अस्वस्थ बहुएं गंभीर बीमरी एवं कुप्रथा का शिकार हों रहीं हैं। 

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मप्र सरकार के चिकित्सा विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग ग्रामीण अंचलों में  जनसंख्या पर नियंत्रण करने और इसके लिए आमजन को समझाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांवों में सास.बहू सम्मेलन का आयोजन  कर रहा है। साथ ही बहुओं में खून की कमी न हा इस लिए सासों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। एएनएम व आशा सहयोगिनी सास बहुओं को उनकी ही भाषा और लहजे में समझा रही हैं कि वो अपना परिवार छोटा किस प्रकार रख सकतीं हैंए किन साधनों का प्रयोग कर सकती हैं। साथ ही उनकी सास भी अपनी बहू को परिवार छोटा रखने के फैसले का स्वागत करें और उनका मानसिक रूप से सहयोग करें। 

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