गोरखपुर । गोला थाना क्षेत्र के एक गांव में बालिका से छेड़खानी करने के आरोपित की पुलिस हिरासत में तबीयत खराब होने से मौत हो जाने के बाद स्थिति गंभीर हो गई। जानकारी होने पर पहुंचे स्वजन ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि हिरासत में लेने के बाद ही तबीयत बिगड़ी थी, लेकिन थानेदार ने ध्यान नहीं दिया। एसपी सिटी और एसपी साउथ मामले की जांच कर रहे हैं। पीएचसी सहित आरोपित के गांव में आसपास के थानों की फोर्स तैनात कर दी गई है।
प्राप्त विवरण के मुताबिक मामला गोला थाना क्षेत्र के बड़ा बुजुर्ग गांव का है, जहां 42 वर्षीय विनय कुमार पांडेय पर बुधवार की शाम गांव की पड़ोसी बालिका ने छेड़खानी का आरोप था। परिजनों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पीआरवी वैन ने बयान लेने के बाद थानेदार को बताया। कुछ देर में ही थानेदार भी गांव में पहुंच गए और आरोपी विनय को पुलिस अपने साथ थाने ले आई । परिजनों का आरोप है कि विनय की तबीयत पहले से ही खराब थी, इसके विषय में थानेदार को बताया गया था लेकिन वह नहीं माने और उसे थाने लेकर चले गए। विनय के बड़े भाई का आरोप है कि थाने ले जाते समय ही विनय की तबीयत बिगड़ गई थी। इसकी जानकारी उन्होंने पुलिसकर्मियों को दी और अस्पताल ले जाने के लिए कहा लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया और रात में उनकी मौत हो गई। इसके बाद आनन फानन में उन्हें सरकारी जीप से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौत के बाद पुलिस जबरन दाह संस्कार कराना चाहती थी।
मौत के बाद परिजन और ग्रामीण शव को स्ट्रैचर पर रखकर कस्बा के चंद चौराहे पहुंच गए जहां उन्होंने मार्ग अवरुद्ध कर हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने जाम खुलवाने का अथक प्रयास किया लेकिन ग्रामीण नहीं माने। अंत में सुबह जाकर पुलिस अधिकारियों के समझाने और जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन देने के बाद जाम खुलवाया जा सका। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई का कहना है कि बालिका से छेड़खानी करने का आरोप लगने पर गोला थाना पुलिस ने विनय पांडेय को हिरासत में लिया था। तबीयत बिगड़ने के बाद पुलिसकर्मी उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए थे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु की असली वजह स्पष्ट हो सकेगी। लापरवाही के आरोप की जांच कराई जा रही है।