इंदौर । हाई कोर्ट से रीगल तिराहा होते हुए एयरपोर्ट तक करीब नौ किलोमीटर में मेट्रो ट्रैक भूमिगत रहेगा। हाई कोर्ट परिसर में जमीन की 60 फीट गहराई में मेट्रो के लिए सुरंग का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने हाई कोर्ट से अनुमति मांगी है।अंडरग्राउंड मेट्रो के निर्माण के लिए हाई कोर्ट की बाउंड्रीवाल, उद्यान व पोर्च वाले हिस्से में 30 से 35 हजार वर्गफीट जमीन के नीचे भूमिगत मेट्रो का निर्माण होना है। यह कार्य अगले डेढ़ से दो वर्ष तक चलेगा। ऐसे में अस्थायी रूप से मेट्रो प्रबंधन को यहां पर जमीन के नीचे खोदाई व अन्य कार्य करना होगा।

वर्तमान में एयरपोर्ट से सुपर कारिडोर, एमआर-10, रेडिसन चौराहा, रोबोट चौराहा होते हुए पलासिया तक मेट्रो का एलिवेटेड कारिडोर तैयार होगा।एमजी रोड पर ट्रेजर आइलैंड माल के पास से मेट्रो ट्रेन भूमिगत होना शुरू होगी और हाई कोर्ट के नीचे से टनल के रूप में रीगल पर अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन तक पहुंचेगी। यहां से नगर निगम, छोटा गणपति व बड़ा गणपति होते हुए रामचंद्र नगर होते हुए एयरपोर्ट तक मेट्रो का ट्रेक भूमिगत रहेगा। मेट्रो प्रबंधन के अफसरों ने हाई कोर्ट के प्रशासनिक अफसरों से चर्चा की और उन्हें तकनीकी जानकारी दी। मेट्रो प्रबंधन को अनुमति हाई कोर्ट की जबलपुर मुख्य पीठ से मिलनी है।

अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए शहर में जो भी स्थान बनाए गए हैं, वहां पहुंच के लिए लोगों काे लास्ट मील कनेक्टिविटी देने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में मेट्रो स्टेशन परिसर में साइकिल पार्किंग स्टैंड बनाया जाएगा। नगर निगम परिसर व एयरपोर्ट पर बनने वाले अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने के लिए लोगों को ट्रेवलटर की सुविधा दी जाएगी। इस पर खड़े होकर लोग आसानी से मेट्रो स्टेशन तक पहुंच सकेंगे।