उज्जैन ।    श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवरात्रि उत्सव का प्रारंभ गुरुवार को श्री कोटेश्वर महादेव के पूजन-अर्चन के साथ हो गया है। नौ दिवसीय इस पर्व में उपासना, तपस्या एवं साधना के साथ महाशिवनवरात्रि महापर्व मनाया जाएगा। गुरुवार से शिवनवरात्रि महोत्सव 2024 में नौ दिनों तक भगवान श्री महाकालेश्वर जी भक्तों को अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देकर उनकी मनोकामना पूर्ण करेंगे। 

हल्दी-चंदन के उबटन से शुरू हुआ पूजन

श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व के नौ दिन पूर्व आज सुबह  शिव नवरात्रि पर्व की शुरुआत श्री महाकालेश्वर मन्दिर में की गई। सुबह श्री कोटेश्वर महादेव भगवान पर शिव पंचमी का पूजन अभिषेक हुआ। इसके बाद कोटेश्वर महादेव के पूजन-आरती के पश्चात उन्हें हल्दी-चन्दन का उबटन लगाया गया। दोपहर को भगवान महाकालेश्वर का पूजन-अभिषेक किया गया। इसके बाद 11 ब्राह्मणों ने एकादशनी रूद्राभिषेक का पाठ करने के बाद बाबा महाकाल की आरती उतारी और भोग लगाया। दोपहर तीन बजे भगवान महाकालेश्वर के सांध्य पूजन के पश्चात शृंगार किया गया। भगवान महाकालेश्वर के मुखारविन्द व आभूषण कक्ष से निकाले जाकर नए वस्त्र और आभूषण श्री गर्भगृह में विराजित भगवान श्री महाकालेश्वर को धारण कराए गए। आज से शुरू हुआ यह उत्सव 8 मार्च महाशिवरात्रि तक चलेगा।

हरि कथा सुनेंगे बाबा महाकाल

शिवनवरात्रि के दौरान प्रतिदिन सायं को महाकाल परिसर स्थित सफेद मार्बल चबूतरे पर इन्दौर निवासी पं. रमेश कानड़कर का नारदीय कीर्तन होगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में 29 फरवरी से आठ मार्च तक शिवनवरात्रि निमित्त  सन् 1909 से कानड़कर परिवार, इन्दौर द्वारा वंशपरम्परानुसार 115 वर्षों से हरिकीर्तन की सेवा दी जा रही है। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी उनकी परंपरा का निर्वहन करते हुए कथारत्न हरिभक्त पारायण पं. रमेंश कानड़कर द्वारा शिव कथा, हरि कीर्तन का आयोजन सायं चार से छह बजे तक मंदिर परिसर में नवग्रह मंदिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर किया जा रहा है।