उज्जैन ।   विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज फाल्गुन कॄष्ण पक्ष की षष्ठी पर शुक्रवार तड़के भस्म आरती के दौरान चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर फलों के रस से बने पंचामृत से कर पूजन-अर्चन किया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरिओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को रजत का मुकुट और गुलाब की माला धारण करवाई गई। आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि आज बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार तो किया ही गया था वहीं, गर्भग्रह में विराजित माता पार्वती, श्री गणेश, कार्तिकेय का भी अलौकिक श्रृंगार किया गया, जिसके बाद बाबा महाकाल को आभूषण पहनाए गए और मिष्ठानों का विशेष भोग भी लगाया गया।बाद में बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्मी रमाई गई। भस्म आरती मे बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने बाबा महाकाल के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया, जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।

रजत चौरस व 1 लाख से अधिक राशि का चेक का दान किया

श्री महाकालेश्वर मंदिर में उज्जैन के विजय कुमार मित्तल द्वारा 9 नग चांदी के चौरस भगवान श्री महाकालेश्वर जी को अर्पित किया गया, जिसका कुल वजन 4990.800 ग्राम है। श्री मित्तल द्वारा मंदिर प्रबंध समिति के पूर्व सदस्य व पुजारी श्री राजेश शर्मा व पुजारी जितेन्द्र शर्मा की प्रेरणा से चांदी के चौरस के साथ-साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा मंदिर में किये जा रहे विकास कार्यों हेतु  रुपये 1 लाख 21 हज़ार का चेक भी दान स्वरूप प्रदान किया गया, जिसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति की ओर से प्रशासक के निज सहायक श्री प्रशान्त त्रिपाठी व सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.पी.तिवारी द्वारा प्राप्तकर दानदाता का सम्मान किया गया व विधिवत रसीद प्रदान की गई। यह जानकारी मंदिर प्रबंध समिति के कोठार शाखा के कोठारी मनीष पांचाल द्वारा दी गई।