अलीगढ़ में आजादी के पहले से तालों की निर्माण होता आ रहा है। हाथरस में हींग बनती है। हालांकि कच्ची हींग अफगान में पैदा होती है। वहां से आयात कर मंगाए जाने वाले हींग के मूल पानी को प्रोसेस कर खाने योग्य बनाया जाता है और यह काम सिर्फ देश में हाथरस में ही होता है।देश-दुनिया में शहर का नाम रोशन कर रहे अलीगढ़ी ताले और हाथरस की हींग को जीआई टैग का महत्वपूर्ण तमगा हासिल हो गया है। 31 मार्च को ज्योग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्री द्वारा प्रदेश के दस उत्पादों की सूची जारी की गई है, जिनमें अलीगढ़ का ताला और हाथरस की हींग को यह उपलब्धि हासिल हुई है। अब यह साफ हो गया कि ताला और हींग सिर्फ इन्हीं दोनों शहरों में बनते हैं।

अलीगढ़ में आजादी के पहले से तालों की निर्माण होता आ रहा है। इसके पीछे की मूल वजह यहां आसानी से कुशल मजदूर मिलना रहा। यहां हाथों से बने ताले देश और दुनिया में पहचान बनाने में सफल हुए। हालांकि अब मशीनों के जरिये भी ताले बनने लगे हैं। भारत के इकलौते शहर अलीगढ़ में बने तालों को चीन सहित अन्य देशों के बने ताले टक्कर देने का प्रयास करते हैं। मगर, यहां हाथों से बने ताले जैसा किसी देश का नहीं होता।

इसी तरह कभी जनपद का ही हिस्सा रहे मंडल के दूसरे जिले हाथरस में हींग बनती है। हालांकि कच्ची हींग अफगान में पैदा होती है। वहां से आयात कर मंगाए जाने वाले हींग के मूल पानी को प्रोसेस कर खाने योग्य बनाया जाता है और यह काम सिर्फ देश में हाथरस में ही होता है। इसी आधार पर ओडीओपी के तहत इन दोनों उत्पादों का जीआई टैग के लिए आवेदन किया गया और इन दोनों उत्पादों को जीआई टैग दिया गया है। 31 मार्च को प्रदेश के दस उत्पादों की सूची जारी की गई है, जिनमें अलीगढ़ का ताला, बखरिया पीतल के बर्तन, बांदा शजर पत्थर शिल्प, नगीना का काष्ट शिल्प, प्रतापगढ़ का आंवला, हाथरस की हींग, वाराणसी का पान और लंगड़ा आम शामिल है।

क्या है जीआई टैग

वर्ल्ड इंटलैक्चुअल प्रापर्टी आर्गेनाइजेशन के अनुसार जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग एक प्रकार का लेबल होता है, जिसमें किसी उत्पाद को विशेष भौगोलिक पहचान ज्योग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्री द्वारा दी जाती है।

ऐसे मिलता जीआई टैग

इसके लिए राज्य सरकार की ओर से विशेष पहचान रखने वाले उत्पादों के आवेदन किए जाते हैं। जिनकी जांच पड़ताल और उत्पाद कहां, कब से बन रहा है, उसकी पहचान क्या है आदि के बाद यह प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।यह बात सही है कि जिले के मुख्य उत्पाद ताले को जीआई टैग मिला है। प्रदेश स्तर से किए गए आवेदन पर ओडीओपी के उत्पाद को यह टैग मिलना बड़ी उपलब्धि है। यह सूची पिछले दिनों जारी की गई है। -इंद्र विक्रम सिंह, जिलाधिकारी