हाल ही में संसद के मानसून सत्र के पहले दिन केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा है कि देश की अलग-अलग अदालतों में लंबित मामले पांच करोड़ का आंकड़ा पार कर गए हैं. कानून मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, 25 हाई कोर्ट और अधीनस्थ न्यायालयों में 5.02 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं. कानून मंत्री मेघवाल ने राज्यसभा को बताया, "इंटीग्रेटेड केस मैनेजमेंट सिस्टम (ICMIS) से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 1 जुलाई तक सुप्रीम कोर्ट में 69,766 मामले लंबित हैं. नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड (NJDG) पर मौजूद जानकारी के मुताबिक 14 जुलाई तक हाई कोर्ट में 60,62,953 और जिला और अधीनस्थ अदालतों में 4,41,35,357 मामले लंबित हैं." NJDG के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि लगभग 63 लाख मामले इसलिए लंबित हैं क्योंकि वकील ही उपलब्ध नहीं है. इनमें कम से कम 78% मामले आपराधिक (क्रिमिनल) हैं और बाकी दीवानी (सिविल) हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसकी एक महत्वपूर्ण वजह यह है कि भारत में एक औसत मामले को पूरा होने में लगभग 4 साल लगते हैं. जब मुकदमा अनुमानित समय से बहुत ज्यादा चलने लगता है तो कई बार मुवक्किल के पास फीस देने के लिए भी पैसे नहीं होते हैं.  लेकिन अब देश की न्याय व्यवस्था को सुधारने, टेक्नोलॉजी के जरिए इसे और बेहतर बनाने में मदद करने के लिए स्टार्टअप्स आगे आ रहे हैं. गुरुग्राम स्थित स्टार्टअप LegalPay भी इसी दिशा में काम कर रहा है. इसकी स्थापना साल 2019 में कुंदन शाही (Kundan Shahi) ने की थी. बिहार के एक गाँव तअल्लुक़ रखने वाले कुंदन, अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में दिल्ली आ गए. उन्होंने अलग-अलग मल्टीनेशनल कंपनियों में काम किया. LegalPay की स्थापना से पहले, उन्होंने एक लीगल-टेक स्टार्टअप Advok8 की भी स्थापना की थी. क्या करता है LegalPay कानूनी क्षेत्र में मौजूदा समस्या मुकदमेबाजी में शामिल व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए सुलभ और किफायती फंडिंग विकल्पों की कमी है. कई संभावित वादियों को पैसों की कमी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि कानूनी कार्यवाही महंगी और समय लेने वाली हो सकती है. यह एक तरह से असंतुलन पैदा करती है, जहां अधिक वित्तीय संसाधनों वाले लोगों को अपने दावों को आगे बढ़ाने में लाभ होता है, जबकि अन्य लोग न्याय मांगने से पूरी तरह से हतोत्साहित हो सकते हैं. LegalPay, एक थर्ड-पार्टी मुकदमेबाजी (litigation) फंडिंग कंपनी के रूप में, इन चुनौतियों को हल करने के लिए सॉल्यूशन मुहैया करती है. यह कानूनी कार्यवाही से जुड़ी लागतों के लिए फंडिंग देकर फाइनेंशियल सपोर्ट देता है. इसके अलावा, इसके फंडिंग सॉल्यूशन न्याय और पैसों के बीच अंतर को पाटकर मुकदमेबाजी में समान स्तर लाने में मदद करते हैं, सीमित वित्तीय संसाधनों वाले व्यक्तियों और संगठनों को अपने विरोधियों के साथ समान स्तर पर अपने अधिकारों का दावा करने के लिए सशक्त बनाते हैं. फाइनेंशियल सपोर्ट के अलावा कंपनी केस मैनेजमेंट सहायता प्रदान करती है. केस की रणनीति तैयार करने के लिए मार्गदर्शन करती है और वादियों को अनुभवी कानूनी पेशेवरों से जोड़ती है. इससे वादियों को अपने कानूनी मामलों की जटिलताओं को प्रभावी ढंग से सुलझाने में मदद मिलती है, जिससे उनकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है. 

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