भोपाल । बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। इसके असर से पांच जुलाई से पूर्वी मप्र में एक बार फिर झमाझम वर्षा का दौर शुरू हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में वर्तमान मौसम प्रणालियों के कमजोर पड़ जाने के कारण फिलहाल भारी वर्षा की उम्मीद नहीं है, लेकिन रुक-रुककर छिटपुट बौछारें पड़ती रहेंगी। बीच-बीच में धूप भी निकलेगी। मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अशफाक हुसैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मध्य में हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात कमजोर पड़कर उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तरफ चला गया है। पंजाब से लेकर मणिपुर तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है, जो उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर बने चक्रवात से लेकर बिहार होते हुए गुजर रही है। इन दो मौसम प्रणालियों के असर से पूर्वी मप्र में कहीं-कहीं वर्षा हो रही है। रविवार को सागर, रीवा, जबलपुर, शहडोल संभाग के जिलों में वर्षा होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि फिलहाल प्रदेश में किसी प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने से वर्षा की गतिविधियों में कमी आने लगी है। हालांकि वातावरण में नमी बरकरार रहने पर तापमान बढ़ने पर गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं छिटपुट बौछारें पड़ती रहेंगी। उधर, बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में बने चक्रवात के आगे बढ़ने पर पांच जुलाई से प्रदेश में एक बार फिर वर्षा का नया दौर शुरू हो सकता है। प्रदेश में अधिकतर ‍क्षेत्रों में जून माह में औसत से 14 प्रतिशत अधिक वर्षा हो गई है। विशेषकर पूर्वी मप्र में तो सामान्य से 27 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई, जबकि पश्चिमी मप्र में भी एक प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। प्रदेश के 52 में 31 जिलों में सामान्य या उससे अधिक वर्षा हो चुकी है। लेकिन 21 जिलों में कम वर्षा हुई है और यहां के किसान अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक इंदौर में 14, नर्मदापुरम में नौ, मंडला में सात, गुना में सात, सतना में छह, खंडवा में पांच, शिवपुरी में चार, सीधी में तीन, ग्वालियर में 2.7, रतलाम, उमरिया, पचमढ़ी, नौगांव और दमोह में एक-एक जबलपुर में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई।