ताइपे। चीन अपनी धाक जमाने कभी अपने आसपास के क्षेत्रों पर घुसपैठ करता रहता है। चीन की फिर हरकत सामने आई है, ताइवान ने गुरुवार को दावा किया कि चीनी के कई लड़ाकू विमान उसके वायुक्षेत्र में घुस आए। ताइवानी सेना ने कहा कि 24 घंटे के अंदर कम से कम 32 चीनी सैन्य विमानों को उसके क्षेत्र में देखा गया है। चीन की इस हरकत पर ताइवान भी एक्शन मोड में आ गया है। उसने बयान जारी कहा है कि ताइवान की सेना स्थिति की कड़ी निगरानी कर रही है। इस साल ताइवान के वायुक्षेत्र में चीनी घुसपैठ की ये दूसरी सबसे बड़ी घटना है।
ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीनी सैन्य विमानों के अलावा, पांच नौसैनिक जहाज भी उसके आसपास चल रहे हैं। तेरह विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार कर लिया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीनी गतिविधियों के जवाब में गश्ती विमान, नौसेना के जहाजों और तटीय मिसाइल सिस्टम को तैनात कर दिया गया है।  इसी साल जनवरी के अंत में ताइवान द्वीप के आसपास 33 चीनी युद्धक विमानों को देखा गया था। 
ताइवान ने पिछले महीने एक बयान में कहा था कि उसके आसपास 11 चीनी नौसैनिक जहाजों का पता लगाया है। चार लोगों को ले जा रही एक चीनी स्पीडबोट 14 फरवरी को ताइवान के किनमेन द्वीप के पास ताइवानी तट रक्षक द्वारा पीछा किए जाने के दौरान पलट गई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य बच गए। इसके बाद किनमेन द्वीपसमूह के पास चीन द्वारा एक पर्यटक नौका को रोक दिया गया था। इस पर ताइवन ने विरोध जताया जिससे द्वीप में तनाव बढ़ गया। किनमेन द्वीप चीन के तट से कुछ ही दूरी पर है, लेकिन इस पर ताइवान का नियंत्रण है।
गौरतलब है कि वर्ष 1949 के गृह युद्ध के दौरान ताइवान चीन से अलग हो गया था, लेकिन चीन दो करोड़ से अधिक की आबादी वाले इस द्वीप को अपना मानता है। चीन अपनी ताकत के बल पर इस क्षेत्र पर नियंत्रण करने की धमकी देता रहता है। इसी साल 13 जनवरी को राष्ट्रपति चुनाव में लाई चिंग-ते की जीत से चीन भड़क गया था। क्योंकि चीन लाई चिंग-ते नापसंद करता है।