इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना हर उस शख्स की जिम्मेदारी है, जिसकी इनकम टैक्सेबल है. इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों को अलग-अलग इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स दाखिल करना होता है. अलग-अलग इनकम के लिहाज से टैक्स स्लैब भी अलग-अलग हैं. इसके साथ ही लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने के लिए अलग-अलग फॉर्म का भी इस्तेमाल करना पड़ता है. ऐसे में इनके बारे में जानकारी होना काफी जरूरी है. आइए जानते हैं...

इनकम टैक्स रिटर्न

अब इनकम टैक्स विभाग ने ITR-1 और ITR-4 फॉर्म को एक ऑफलाइन प्रारूप में उपलब्ध कराया है, जिसका उपयोग वित्तीय वर्ष (FY) 2022-23 से संबंधित आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने के लिए किया जा सकता है. इस संबंध में आयकर विभाग ने 25 अप्रैल 2023 को आईटीआर फॉर्म 1 और 4 के लिए ऑफलाइन यूटिलिटी जारी कर दी है.

आईटीआर फॉर्म

वहीं पुराने और नए टैक्स सिस्टम के बीच स्विच करने के लिए ITR-1 और ITR-4 में कुछ बदलाव किए गए हैं. आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए अतिरिक्त शर्तें आईटीआर 1 और आईटीआर 4 में पेश की गई हैं. इनमें पिछले वित्तीय वर्ष में कारोबार से ₹60 लाख से अधिक का कारोबार, पेशे से पिछले वित्तीय वर्ष में ₹10 लाख रुपये से अधिक का कारोबार और पिछले वित्तीय वर्ष में टीडीएस काटा गया आदि शामिल है.

इनका रखें ध्यान

वहीं 50 लाख रुपये तक की कुल आय वाले व्यक्ति ITR-1 का उपयोग कर सकते हैं, जबकि ITR-4 व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) और व्यवसायों से कमाई करने वाली फर्मों के लिए है. ये फॉर्म इस साल फरवरी में आईटीआर 2, आईटीआर 3, आईटीआर 5, आईटीआर 6 और आईटीआर 7 के साथ पेश किए गए थे. ऐसे में आईटीआर भरते वक्त सही फॉर्म का चयन करें, गलत फॉर्म में ITR दाखिल करने पर दिक्कत हो सकती है.