आज से जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा की शुरुआत हो रही है। पुरी का जगन्नाथ मंदिर भारत के चार धामों में से है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ विराजमान हैं। भगवान श्रीकृष्ण को यहां जगन्नाथ जी के नाम से जाना जाता है। रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं। रथ पर सवार होकर पूरे शहर की सैर करते हैं और मौसी के घर यानी मंदिर में विश्राम करते हैं।जगन्नाथ रथ यात्रा में देश विदेश से लोग शामिल होने पहुंचते हैं। हालांकि अगर आप रथ यात्रा में शामिल होने पुरी पहुंच रहे हैं तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें ताकि आपकी यात्रा मंगलमय और सहज हो।

होटल बुकिंग

रथ यात्रा के दौरान मंदिर के आसपास मौजूद होटल, धर्मशाला और ठहरने की अधिकतर जगहें फुल होती हैं। यहां पहुंचकर ठहरने को लेकर आपको दिक्कत हो सकती है, इसलिए पहले से ही होटल, धर्मशाला या आश्रम बुक कर के जाएं। अगर अब तक होटल की बुकिंग नहीं की है तो मंदिर से थोड़ी दूरी पर बने होटल में ठहरने का इंतजाम कर लें। यहां कमरा मिला आसान होता है।

पैकिंग टिप्स

परिवार में बड़े बुजुर्ग या बच्चे हैं, जो जगन्नाथ यात्रा के लिए साथ जा रहे हैं तो उसके मुताबिक जरूरत का सारा सामान पैक कर लें। जैसे बुजुर्गों के लिए दवा, सही कपड़े आदि। वहीं पहले से ही मौसम का हाल जान लें ताकि उस मुताबिक कपड़े पैक कर सकें।

खानपान

मंदिर के आसपास बाजार है, जहां खाने के लिए स्ट्रीट मार्केट या रेस्तरां मिल जाएंगे। कई दुकानों में स्वादिष्ट व्यंजन कम दामों में मिलते हैं लेकिन शुद्धता का ख्याल रखते हुए ही कुछ भी खाएँ। ध्यान रखें कि इससे आपकी तबीयत न खराब हो। इस दौरान रेस्तरां भी भीड़ भी हो सकती है, इसलिए अपने साथ कुछ स्नैक्स और ड्राई फ्रूट्स लेकर जाएं।