नई दिल्ली। भारत-आस्ट्रेलिया के बीच आपसी शैक्षणिक साझेदारी अब और मजबूत होगी। जिसमें दोनों देशों अब न सिर्फ ज्वाइंट डिग्री कोर्स संचालित करेंगे बल्कि एक-दूसरे के कोर्स और डिग्रियों को भी मान्यता देंगे। दोनों देशों के शिक्षा मंत्रियों की मौजूदगी में गुरुवार को इसे लेकर एक अहम करार हुआ है। इसके साथ ही दोनों देशों के छात्रों का एक-दूसरे के संस्थानों में आवाजाही का रास्ता भी खुल गया है। अभी हर साल बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पढ़ाई के लिए आस्ट्रेलिया जाते है लेकिन आस्ट्रेलिया से भारत आने वाले छात्रों की संख्या काफी कम है। इसका बड़ा लाभ दोनों ही देशों के युवाओं को नौकरियों में भी मिलेगा।

आस्ट्रेलिया और भारत के बीच इसके साथ ही शैक्षणिक और स्किल से जुड़े दस और करार हुए है। जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालयों के साथ आस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों ने अपने शैक्षणिक और शोध से जुड़े पुराने संबंधों को नए सिरे से मजबूती दी है। इस मौके पर आस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री जैसन क्लेयर ने साफ किया है कि गिफ्ट सिटी में आस्ट्रेलिया के दो विश्वविद्यालय अपने कैंपस खोलने जा रहे है, उनमें से वोलोंगांग विश्वविद्यालय इस साल के अंत तक शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही इनमें दाखिला भी शुरू हो जाएगा। हालांकि अभी यह कैंपस काफी छोटा होगा। मैनेजमेंट सहित कुछ खास कोर्स ही अभी इसमें संचालित होंगे। जबकि डेकिन विश्वविद्यालय का कैंपस खुलने में अभी समय लगेगा।

इस बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दोनों देशों के बीच हुई नए शैक्षणिक और स्किल से जुड़े करारों को लेकर खुशी जताई है। साथ ही कहा यह दोनों देशों के लिए गेंम चेंजर होंगे। एक सवाल के जवाब में प्रधान ने साफ किया कि इस पहल से दोनों देशों एक दूसरे की ज्ञान और प्रतिभा का इस्तेमाल करेंगे। जिसमें बड़ी संख्या में आस्ट्रेलियाई छात्र पढ़ाई के लिए भारत भी आएंगे। इस बीच दोनों देशों के बीच जो करार हुए है उनमें स्किल,शोध और स्कूल फ्रेमवर्क आदि क्षेत्रों से जुड़े है।

न्यूज़ सोर्स : ipm