विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) लगातार तीसरे महीने भी इक्विटी बाजारों में खरीदार बने हुए हैं। अप्रैल के पहले दो सप्ताहों के दौरान एफपीआई इक्विटी बाजारों में 13,347 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। इसके साथ कैलेंडर वर्ष 2024 में इक्विटी बाजारों में एफपीआई का शुद्ध निवेश 24,240 करोड़ रुपये हो गया है। बाजार के जानकारों का कहना है कि आशाजनक विकास संभावनाओं के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन के कारण एफपीआई घरेलू इक्विटी बाजारों में लगातार निवेश कर रहे हैं।जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि भारत-मारीशस कर संधि में किए गए संशोधनों से छोटी अवधि में एफपीआई निवेश प्रभावित होगा। नई संधि की विस्तृत जानकारी सामने आने के बाद इसमें सुधार हो सकता है। इसके अलावा पश्चिम एशिया में भूराजनीतिक स्थिति और ईरान व इजरायल के बीच बढ़ता तनाव भी एफपीआई निवेश के लिए चिंता है। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआइआई) के पास बड़ी मात्रा में नकदी उपलब्ध है।खुदरा और उच्च नेटवर्थ (एचएनआई) भी भारतीय बाजारों को लेकर काफी आशाजनक हैं। ऐसे में एफपीआई की ओर से की जाने वाली बिक्री की भरपाई घरेलू निवेश से हो जाएगी। एफपीआइ ने इक्विटी बाजारों में इससे पहले मार्च में 35,098 करोड़ और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का निवेश किया था। हालांकि, इस वर्ष जनवरी में 25,744 करोड़ रुपये की निकासी की थी। पूरे कैलेंडर वर्ष 2023 के दौरान एफपीआई ने इक्विटी बाजारों में 1,71,107 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था।