देहरादून। जन्मदिन पर केक काटना एक यादगार पल होता है। लेकिन केक की वजह से आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो क्या होगा? यह अजीब लग सकता है, लेकिन दुर्भाग्य से दून में एक बर्थ डे पार्टी में चार लोगों के साथ ऐसा ही हुआ। जन्मदिन का केक खाने से उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिनमें एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। अभी तक केक की गुणवत्ता पर संदेह था, पर एक ताजा घटनाक्रम ने कई आशंकाओं को बल दे दिया है।

दरअसल, प्रेमनगर निवासी वरुण राठी का शनिवार को जन्मदिन था। जिस पर पटेलनगर निवासी उसके मित्रों ने एक स्थानीय मिष्ठान भंडार से केक खरीदा। केक खाने के पांच मिनट बाद ही वरुण व तीन अन्य लोगों की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें उल्टियां होने लगी। वरुण राठी को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि कुछ दिन पूर्व ही पंजाब के पटियाला में एक 10 वर्षीय लड़की की केक खाने के बाद मृत्यु हो गई थी। केक में सिंथेटिक स्वीटनर की पुष्टि हुई है।

ऐसे में वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह सोमवार सुबह पटेलनगर स्थित उस मिष्ठान भंडार पर पहुंचे जहां से केक खरीदा गया था। पर दुकान बंद मिली। शाम को वह दोबारा निरीक्षण को वहां पहुंचे। पता चला कि संचालक खुद केक नहीं बनाते, बल्कि किसी अन्य व्यक्ति (सप्लायर) से लेते हैं। सप्लायर से फोन पर बात की, तो उसका रवैया असहयोगात्मक रहा।

ताज्जुब यह कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने निर्माण इकाई का पता पूछा तो जवाब मिला, 'पता नहीं बताऊंगा, आप ढूंढ सको तो ढूंढ लो।' सप्लायर के इस रवैये से विभागीय अधिकारी भी सकते में हैं। वहीं, इस घटनाक्रम ने बाजार में बिक रहे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता संबंधी चिंताएं भी बढ़ा दी हैं। बेकरी हब कहे जाने वाले दून में आज कई छोटी-छोटी निर्माण इकाईयां बेकरी उत्पाद बना रही हैं। जिनकी संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। पर इन उत्पादों की गुणवत्ता जांचने में विभाग असफल रहा है। लोगों की सेहत भगवान भरोसे छोड़ दी गई है।