भोपाल ।   दाऊदी बोहरा समुदाय के मजहबी समागम के दौरान हुईं सियासी गतिविधियों ने समाज के आमिल जौहर अली को कटघरे में खड़ा कर दिया है। समुदाय अपने इस अगुआ से नाराज है और उनकी शिकायत दाऊदी बोहरा समुदाय के धर्मगुरु सैयदना साहब को की गई। तात्कालिक हुए एक्शन में आमिल जौहर को मुंबई मुख्यालय तलब कर लिया गया है। संभवतः वहां से उन्हें बेदखली के आदेश भी थमाए जा सकते हैं। इस बीच रविवार रात को बड़ी संख्या में बोहरा समुदाय के लोग अलीगंज स्थित हैदरी मस्जिद पर जमा हुए। उन्होंने मस्जिद और जमातखाने के अलग-अलग हिस्सों और यहां की गतिविधियों को मीडिया के सामने रखा। समुदाय के युवा और बुजुर्गों ने कहा कि मस्जिद सिर्फ नमाज और इबादत की जगह हैं। जबकि जमातखाने में समाज की मीटिंग, शादी और विभिन्न आयोजन किए जाते हैं। 12 अप्रैल को ईद मिलन का प्रोग्राम भी जमातखाने में ही आयोजित किया गया था। जिसमें सबसे मुलाकात का उचित अवसर मानकर भाजपा प्रत्याशी आलोक शर्मा भी पहुंचे थे। लेकिन, बाद में इस जगह को मस्जिद कहकर प्रचारित कर दिया गया। इस बात से समाज में नाराजगी है। 

आमिल को देनी थी सफाई

रविवार रात हैदरी मस्जिद पर जमा हुए लोगों को संबोधित करते हुए दाऊदी बोहरा समुदाय के मुस्तुफा राजा ने कहा कि ईद के प्रोग्राम में हुईं सियासी गतिविधियों और जमातखाने को मस्जिद कहकर प्रचारित किए जाने की बात का खंडन खुद आमिल साहब को सामने आकर करना चाहिए था। राजा ने कहा कि समाज का जमातखाना सभी लोगों के लिए खुला है, इसमें सियासी दलों के लोग भी आते रहे हैं, लेकिन उन्हें मर्यादाओं में बांधकर रखना आमिल की जिम्मेदारी है। उन्होंने किसी को इस तरह की सियासी गतिविधि के लिए इजाजत दी, यह समुदाय के लिए असहनीय है। 

पूर्व नियोजित था प्रोग्राम?

ईद मिलन समारोह के दौरान बड़ी तादाद में भाजपा के पोस्टर, कट आउट, बैनर आदि मौजूद होना, इस बात को इंगित कर रहा है कि ये प्रोग्राम पहले से ही तय था। इस पर मुस्तुफा राजा का कहना है कि संभव है कि इसकी जानकारी आमिल साहब को पहले से हो, लेकिन उन्होंने समाज के लोगों को इसके लिए विश्वास में नहीं लिया। वे कहते हैं कि चुनावी प्रचार के लिए पहुंचे आलोक शर्मा के समर्थक ये सामग्री अपने साथ ही लेकर आए थे। 

जो सिंहासन पर है, वह सम्मानीय है

आयोजन के दौरान आमिल जौहर अली द्वारा पीएम मोदी की तारीफ किए जाने पर समाज के लोगों ने कहा कि बात सिर्फ मोदी जी की नहीं है, हम देश के सर्वोच्च सिंहासन पर बैठे हर व्यक्ति को सम्मान देते आए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे दर पर पीएम मोदी, उनके समर्थक आएं या राहुल गांधी या उनसे जुड़ा कोई व्यक्ति आएगा तो उसे भी इसी सम्मान से नवाजा जाएगा। 

अब आमिल बदलने की कवायद

करीब एक साल पहले भोपाल दाऊदी बोहरा समुदाय के आमिल नियुक्त किए गए जोहर अली मूलतः भोपाल से नहीं हैं। उनके बाहरी होने को लेकर समाज में पहले भी खुसफुसाहट होती रही है। अब इस तरह के विवादित मामले के बाद आमिल जौहर अली का चुप्पी साध लेना लोगों को खल रहा है। सूत्रों का कहना है कि उनकी इस तरह की गतिविधियों को लेकर समाजजनों ने सैंकड़ों शिकायती ई मेल अपने बड़े मुल्ला यानी बोहरा समुदाय के धर्मगुरु डॉ सैयदना को भेजे हैं। जिसके बाद समाज के मुख्यालय ने आमिल जौहर को मुंबई तलब कर लिया है। समाजजनों का कहना है कि मुख्यालय ऐसे मामलों को गंभीरता से भी लेता है और आनन फानन में फैसले भी सुनाता है। माना जा रहा है कि इस पूरे एपिसोड का समापन आमिल जौहर अली के भोपाल से रुखसत के रूप में आ सकता है।