राम मंदिर में लगने वाले दरवाजों का निर्माण भी प्रारंभ हो गया है। पहले चरण में सागौन की लकड़ी को समतल (प्लेन) किया जा रहा है। लकड़ी को निर्धारित लंबाई में काट कर इसे अच्छी तरह से तराशा जा रहा है। दरवाजों का निर्माण हैदराबाद की अनुराधा टिंबर के कारीगर कर रहे हैं। इसके लिए महाराष्ट्र से लगभग 17 सौ घनफीट सागौन की लकड़ी आनी थी, जिसका 70 प्रतिशत हिस्सा यहां पहुंच गया है।

लकड़ी को परिसर में ही संरक्षित किया गया है। मंदिर के तीन तलों लिए कुल 44 दरवाजे निर्मित होने हैं। दरवाजों का निर्माण दो चरणों में होगा। प्रत्येक चरण के लिए अलग-अलग कारीगरों का दल यहां आएगा। अभी पहले चरण के लिए दस कारीगर यहां आ चुके हैं। सभी ने पहले परिसर में ही कार्यशाला तैयार की। अब दरवाजे निर्मित करना प्रारंभ किया है। ये कारीगर लकड़ी की प्लेनिंग करेगे। दूसरे चरण में भी हैदराबाद से दस कारीगरों का दल आएगा, जो इनकी गढ़ाई करेगा।

दरवाजों पर आकर्षक आकृतियां गढ़ी जाएंगी। मंदिर के मुख्य दरवाजे पर स्वागत का प्रतीक उकेरा जाएगा। इसी तरह ऐतिहासिक व पौराणािक महत्व के प्रतीकों से दरवाजे सज्जित होंगे। गढ़ाई पूरी होने के बाद एक करीगरों का दल फिर यहां पहुंचेगा, जो इन गढ़ी हंई लकड़ी से एक दूसरे से जोड़ कर दरवाजे को अंतिम रूप से आकार देंगे।

फर्श पर संगमरमर लगाने की तैयारी हुई तेज

मंदिर की छत का कार्य पूरा होने जाने के बाद कार्यदायी संस्था जहां दरवाजों का निर्माण करा रही है तो वहीं अब मंदिर के भूतल पर संगमरमर लगाने की तैयारी भी तेज कर चुकी है। एक दो दिन के भीतर ही संगमरमर लगाने का कार्य भी प्रारंभ हो जाएगा। पर्याप्त मात्रा में संगमरमर पहुंच चुका है। मंगलवार को कार्यदायी संस्था ने इसको लेकर रणनीति तैयार की और समग्र फर्श का निरीक्षण भी किया।