इंदौर में कान के आपरेशन के लिए भर्ती हुए 11वीं के स्टूडेंट की मौत हो गई। आपरेशन के बाद नर्स ने उसे एंटीबायोटिक और पेन किलर का इंजेक्शन दिया। इसके तुरंत बाद उसकी तबियत बिगड़ने लगी और कुछ देर में ही उसने दम तोड़ दिया। मामला इंदौर के एमवाय अस्पताल का है। रोगी के परिजन ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजन ने किशोर की मौत के बाद अस्पताल परिसर में जमकर विरोध भी किया। 

परिजन ने बताया कि प्रेम कश्यप (16) पिता मुकेश कश्यप कक्षा 11वीं में पढ़ता था। कान में फुंसी होने के कारण एमवाय अस्पताल में 18 अगस्त को उसे भर्ती किया गया। गुरुवार को ऑपरेशन के बाद वह ठीक था और बातचीत भी कर रहा था। नर्स ने जैसे ही इंजेक्शन लगाया उसके बाद बच्चे की हालत बिगड़ने लगी। इंजेक्शन लगाने के 10 मिनट बाद बच्चे का एक तरफ का अंग काम करना बंद हो गया। इसके बाद डाक्टरों को बताया तो उन्होंने कुछ नहीं कहा। 

परिजन ने बताया कि बच्चे की तबियत बिगड़ने पर नर्स और डाक्टर घबराए हुए थे। मौके पर मौजूद कुछ डॉक्टरों से नर्स बातचीत कर रही थी। इस दौरान सभी काफी घबराए हुए नजर आ रहे थे। बच्चे के बारे में पूछने पर कोई कुछ बताने को तैयार नहीं था। सभी जल्द ठीक होने का दावा कर रहे थे, लेकिन बच्चे की मौत हो चुकी थी। इसके बाद परिजन काफी देर तक एमवाय के प्रमुख डाक्टरों से मिलने का इंतजार करते रहे लेकिन किसी से मुलाकात नहीं हो सकी। परिजन हॉस्पिटल चौकी में मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए अरबिंदो अस्पताल ले गए। 

नाक कान गला विभाग की प्रमुख डाक्टर यामिनी गुप्ता ने कहा कि आपरेशन सफल रहा था इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई। यह दुर्लभ घटना है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत का सही कारण पता चल सकेगा।