उज्जैन ।    श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि का उत्सव बड़ी धूम-धाम व उल्हास के साथ मनाया जा रहा है। इस दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान का नौ दिवस तक अलग-अलग रूपों में शृंगार किया जा रहा है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण स्थित कोटितीर्थ के तट पर श्री गणेश पूजन व श्री कोटेश्वर महादेव भगवान का पूजन-अभिषेक-आरती के साथ शिव नवरात्रि महोत्सव के दूसरे दिवस का प्रारंभ हुआ। श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राम्हणों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान जी का अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया गया। पूजन का यह क्रम आठ मार्च 2024 तक प्रतिदिन चलेगा। दोपहर में 3 बजे सांध्य पंचामृत पूजन के पश्चात श्री महाकालेश्वर भगवान ने भांग शृंगार कर निराकार से साकार रूप धारण किया। शिव नवरात्रि के दूसरे दिन संध्या पूजन के पश्चात भगवान श्री महाकालेश्वर ने शेषनाग धारण कर भक्तों को दर्शन दिए।भगवान श्री महाकालेश्वर को गुलाबी रंग के नवीन वस्त्र के साथ मेखला, दुप्पटा, मुकुट, मुंड-माला, छत्र आदि से सुसज्जित कर भगवान जी का भांग, चंदन व सूखे मेवे से शृंगार किया गया। साथ ही भगवान श्री महाकालेश्वर को मुकुट, मुंड माला, नागकुंडल एवं फलों की माला के साथ शेषनाग धारण करवाया गया। श्री महाकालेश्वर मंदिर के प्रागंण में शिवनवरात्रि निमित्त सन् 1909 से कानडकर परिवार, इंदौर द्वारा वंशपरंपरानुगत हरिकीर्तन की सेवा दी जा रही है। इसी तारतम्य में कथारत्न हरि भक्त परायण पं. रमेश कानडकर जी के शिव कथा, हरि कीर्तन का आयोजन मंदिर परिसर में नवग्रह मंदिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर चल रहा है। शुक्रवार को पं.श्री कानडकर ने श्री धनधान्येश्वर महादेव जी की कथा का वर्णन किया। तबले पर संगत असीम कानडकर ने की।

अदाणी इंटरप्राइजेज के निदेशक प्रणव अदाणी ने किए श्री महाकालेश्वर के दर्शन

अदाणी इंटरप्राइजेस के निदेशक प्रणव विनोद अदाणी ने अपने उज्जैन प्रवास के दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किए। पूजन आकाश पुजारी ने संपन्न करवाया। इस दौरान मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक के निज सचिव प्रशांत त्रिपाठी, सत्कार सहायक चन्द्रप्रकाश शर्मा उपस्थित थे। उन्होंने अदाणी का सम्मान किया।