कोच्चि । एशिया की पहली वॉटर मेट्रो की बात करें, तब यह भारत के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में एक नई शुरुआत और क्रांति की तरह होगी। यह भारत ही नहीं बल्कि पूरे एशिया में अपनी तरह का सबसे अलग वॉटर वे ट्रांसपोर्ट होगा। केरल में जल मार्गों के इस्तेमाल का एक लंबा इतिहास रहा है, लेकिन बीते कुछ दशकों में यह कमजोर पड़ा था। इसके बाद वॉटर मेट्रो एक नए दौर की शुरुआत होगी, जो केरल के अतीत के गौरव को याद दिलाएगी तब आधुनिकता के दौर में विकास को नए पंख भी लगाएगी। 
कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड की ओर से तैयार प्रोजेक्ट के तहत वॉटर मेट्रो से हर दिन 34 हजार लोग यात्रा कर सकते हैं। इस परियोजना के पूरा होने के बाद लगभग 1.5 लाख यात्री रोजाना सफर कर सकते हैं। वॉटर मेट्रो के तहत कुल 16 रूटों को कवर किया जाएगा और 78 किलोमीटर का यह पूरा सफर होगा। कुल 38 बोट्स को फिलहाल तैनात किया गया है, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इनकी सीटें आधुनिक हैं, वाई-फाई की सुविधा भी यात्रियों को मिलेगी। इसके अलावा वातानुकूलित सफर कर सकते हैं। 
इसका किराया भी ज्यादा नहीं रखा गया है। एक ट्रिप का किराया 20 से 40 रुपये तक रखा गया है। इसके अलावा यात्रियों को साप्ताहिक, मासिक अथवा तीन महीने का पास बनवाने की सुविधा भी मिलेगी। इन पासों की कीमत 180 रुपये, 600 रुपये अथवा 1500 रुपये तक होगी। टिकटों की क्यूआर कोड के द्वारा ऑनलाइन खरीद भी मौके पर ही जा सकेगी। कोच्चि के मुख्य क्षेत्र को वॉटर मेट्रो के जरिए 10 द्वीपों से जोड़ा जाएगा। इससे लोगों का यात्रा का समय बचेगा और टूरिस्टों को भी इसके जरिए आकर्षित करने में मदद मिलेगी। वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट को पर्यावरण के लिहाज भी अहम माना जा रहा है। इसकी वजह यह है कि ये बोट्स इलेक्ट्रिक होंगी। इसमें सोलर पैनल लगाए गए हैं और बैटरियां लगी हैं। इससे कार्बन उत्सर्जन बेहद कम होगा। अब तक जो तस्वीरें सामने आई हैं, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में वॉटर मेट्रो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी। इसमें यात्रा के लिए पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलेगी। इस तरह केरल में वॉटर मेट्रो से सफर आसान होगा, वहीं टूरिस्टों के आवागमन से स्थानीय लोगों की कमाई में भी इजाफा होगा। इस प्रोजेक्ट पर कुल 1137 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।