नई दिल्ली। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का दु‎नियाभर के लोगों की नौकरियों पर असर देखने को ‎मिलेगा। ताजा अपडेट के अनुसार हजारों लोग बेरोजगार होने वाले हैं। भले ही दुनिया में तेजी से तकनीक का विकास हो रहा है। टेक्नोलॉजी जिस तरह से बढ़ रही है, उससे लोगों की जिंदगी आसान होती जा रही है। लेकिन इस टेक्टनोलॉजी के फायदे के साथ नुकसान भी हैं। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दखल बढ़ रहा है। यह कई ऐसे काम कर सकती है जो अभी इंसान कर रहे हैं। अब आने वाले दिनों में इसके चलते बड़ी तादाद में लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। इसके संकेत मिलने शुरू भी हो गए हैं। दिग्गज कंपनी आईबीएम इसकी तैयारी कर रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी में कम से कम 7800 लोगों की जगह लेगी। आईबीएम के भारतीय-अमेरिकी सीईओ अरविंद कृष्णा ने मी‎डिया को बताया कि कंपनी को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  के साथ बदली जा सकने वाली भूमिकाओं के लिए हायरिंग रोक दी जाएगी। नतीजतन, बैक-ऑफ़िस फ़ंक्शंस-जैसे कि एचआर और अकाउंटिंग में काम पर रखने को निलंबित या छंटनी की जा सकती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से आने वाले समय में बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां जा सकती है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले वर्षों में अमेरिका और यूरोप में करीब 300 मिलियन नौकरियां जा सकती हैं। इसकी चेतावनी दी गई है। आईबीएम मौजूदा समय में ग्लोबल लेवल पर करीब 260,000 कर्मचारियों को रोजगार देता है। इनमें से एक तिहाई भारत में हैं। कंपनी सॉफ्टवेयर डेवलेपमेंट और कस्टमर फेसिंग रोल के लिए हायरिंग का काम जारी रखेगी। इस साल कंपनी ने तिमाही में करीब 7 हजार लोगों को जोड़ा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई  के गॉडफादर माने जाने वाले जॉर्ज हिंटन ने पिछले हफ्ते गूगल में अपनी नौकरी छोड़ दी है। उन्होंने ऐसा किया जिससे एआई विकास के जोखिमों के बारे में खुलकर बात कर सकें। एआई आधारित कई प्रोडक्ट को विकसित करने में हिंटन की अग्रणी भूमिका रही है, उन्होंने गूगल के एआई विकसित करने के प्रोजेक्ट पर करीब एक दशक तक काम किया, लेकिन अब उन्होंने इस तकनीक के खतरों के बारे में आगाह किया है।