बेंगलुरु । कर्नाटक में भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले बड़ा दांव खेला है। सीएम बोम्मई ने बजट सत्र के दौरान रामनगर में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण करने की घोषणा की है। सीएम बोम्मई ने कहा कि अगले दो सालों में कर्नाटक सरकार द्वार 1,000 करोड़ के व्यय के साथ मंदिरों व मठों के व्यापक विकास और नवीनीकरण कार्य किया जाएगा। बता दें कि पिछले साल दिसंबर में रामनगर जिले के प्रभारी मंत्री सी एन अश्वथ नारायण ने सीएम बोम्मई से श्रीराम मंदिर के निर्माण की मांग की थी।
मंत्री का कहना था कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर की तर्ज पर रामदेवरा बेट्टा में एक मंदिर और विकास समिति का गठन किया जाए। इस मामले पर नारायण ने बोम्मई और मुजराई मंत्री शशिकला जोले को पत्र भी लिखा था। जिसमें मांग की गई थी कि रामदेवरा बेट्टा को दक्षिण भारत के अयोध्या के रूप में विकसित जाए। नारायण ने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण रामदेवरा बेट्टा में मुजरई विभाग से संबंधित 19 एकड़ जगह पर कराया जाना चाहिए।
नारायण के अनुसार, क्षेत्र के लोगों का विश्वास है कि सुग्रीव ने रामदेवरा बेट्टा को स्थापित किया था। इसलिए जिले के नागरिकों की धर्मिक भावना का ध्यान रखकर रामदेवरा बेट्टा को विरासत और आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। 
प्रभारी मंत्री नारायण ने लिखा था कि महाकाव्य रामायण और रामदेवरा बेट्टा के बीच पारंपरिक संबंध त्रेतायुग के युग से हैं। राज्य के पर्यटन विभाग के मुताबिक बेंगलुरु से 50 किलोमीटर की दूरी पर रामदेवरा स्थित है। इसी स्थान की सुरम्य पहाड़ी पर बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर मूवी शोले शूट की गई थी। पुराने मैसूर क्षेत्र का हिस्सा रामनगर वोक्कालिगा बहुल है। 
बता दें कि राज्य में राम मंदिर के निर्माण का ऐलान होते ही कांग्रेस के कान खड़े हो गए हैं। कांग्रेस को इस बार सत्ता में आने की संभावना नजर आ रही हैं। इसके बाद बीजेपी के राम मंदिर वाले चुनावी दांव पर कांग्रेस भड़क गई है। बता दें की बीजेपी के इस फैसले के पीछे भी राजनीतिक दांव देखा जा रहा है। रामनगर कर्नाटक ओल्ड मैसूर संभाग में आता है। यहां पर भाजपा की 61 सीटों पर पकड़ कमजोर है। वहीं इस हिस्से में वोक्कालिका समुदाय का दबदबा है। यह समुदाय पिछले तीन दशकों से जेडीएस के साथ मजबूती से खड़ा है।