नई दिल्ली । महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने देशभर में बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा तथा बाल कल्याण वत्सल भारत पर छठी क्षेत्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। बीएचयू स्थित स्वतंत्रता भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो मौजूद रहे और साथ ही देश के विभिन्न कोनों से एनजीओ के प्रतिनिधियों सहित 1500 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। 
संगोष्ठी में बाल कल्याण समितियों, किशोर न्याय बोर्ड, ग्राम बाल संरक्षण समिति के सदस्यों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा और बाल कल्याण मुद्दों के बारे में जागरूकता और पहुंच बढ़ाने के लिए देश भर में आयोजित होने वाली क्षेत्रीय संगोष्ठियों की श्रृंखला का हिस्सा है। इस दौरान राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि आज हम सभी काशी में महामना के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इस समागम का आयोजन करवाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ हैं। हमें खुशी है कि देश के विभिन्न कोनों से लोग यहां शामिल होने पहुंचे हैं। वर्ष 2014 के बाद से अब तक बाल कल्याण के लिए कई महव्पूर्ण कार्य किए गए हैं। मिशन वात्सल्य और किशोर न्याय अधिनियम में बदलाव के कारण बाल संरक्षण कार्यकर्ताओं का सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच के कारण पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन जैसी महत्वाकांक्षी योजना बन पाई। भारत का किशोर न्याय अधिनियम काफी वृहद है, हम सबों को मिलकर इसके लिए धरातल पर काम करना है। प्रियांक कानूनगो यह भी उल्लेख किया कि वर्ष 2022 किशोर न्याय नियमों में उल्लिखित दिशानिर्देशों के अंतर्गत, बच्चों के अंतर-जिला और अंतर-राज्य स्थानांतरण के लिए एक प्रोटोकॉल स्थापित किया था। इस पहल में राष्ट्रीय बाल आयोग और राज्य बाल आयोग का सहयोग शामिल था।