टीकमगढ़ ।   मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में पुलिस अधीक्षक रोहित ने लूट कांड का खुलासा किया है, जिसमें भतीजे ने गेम में रुपये हार जाने के कारण अपने ही सगे चाचा को अपने साथियों के साथ मिलकर लूट लिया था। टीकमगढ़ के पुलिस अधीक्षक रोहित ने बताया कि पीड़ित बछोडा निवासी देवकी माली के बेटे रतिराम (65) हैं। 24 फरवरी की रात आठ बजे तीन युवक मुंह पर कपड़ा बांधकर फरियादी रतिराम के घर में घुसे और हथियार के बल पर मारपीट की। फिर 1,10,000 रुपये नकदी और 2,70,000 रुपये के सोने-चांदी के जेवरात लूटकर फरार हो गए। इस मामले में तीन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ टीकमगढ़ जिले के पुलिस थाना दिगौड़ा में मामला दर्ज किया गया है। जानकारी के मुताबिक, शिकायत मिलने के खिलाफ टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक रोहित के निर्देशन में इस घटना का खुलासा करने और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमों का गठन किया गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन टीमों ने मेहनत करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी सचिन सैनी (28) पुत्र लखन लाल सैनी निवासी बछोडा जो फरियादी का सगा भतीजा है। उसी ने ही इस पूरे कांड को अंजाम दिया। इस मामले में दूसरी आरोपी सचिन सैनी की 26 साल की पत्नी, तीसरा आरोपी गोविंद (21) पुत्र रमेश सैनी निवासी छतरपुर, चौथा आरोपी अनमोल सिंह (19) पुत्र मलखान सिंह बुंदेला निवासी छतरपुर और एक आरोपी नाबालिग है।

पुलिस अधीक्षक रोहित ने बताया कि आरोपियों से 1,08,000 रुपये नकदी और 1,50,000 रुपये कीमत के सोने-चांदी के जेवर बरामद हुए हैं। इसके साथ ही घटना में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिलें (कीमत लगभग 60,000 रुपये), एक 315 बोर का देसी कट्टा, पांच मोबाइल (कीमत 75,000 रुपये) यानी कुल मशरूका तीन लाख 97 हजार सौ रुपये का जब्त किया गया है। टीकमगढ़ के पुलिस अधीक्षक रोहित ने बताया कि इस घटना को अंजाम देने के लिए फरियादी के भतीजे सचिन सैनी द्वारा पूरी साजिश रची गई थी। उन्होंने बताया कि सचिन रमी सर्किल गेम (ऑनलाइन जुआ) खेलता है, जिसमें वह 1,80,000 रुपये हार गया था। उसके बाद उसने अपनी पत्नी और पत्नी के भाई के साथ मिलकर के उक्त घटना को अंजाम दिया। जानकारी के मुताबिक, 24 घंटे के अंदर इस लूट कांड का खुलासा करने में दिगौड़ा पुलिस थाने के उपनिरीक्षक नीरज लोधी, सहायक उप निरीक्षक कल्याण सिंह, मुन्नालाल, देवी सिंह, प्रधान आरक्षक विजय सिंह, मुकेश राय और अवधेश खरे की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।