लखनऊ । मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी ने कहा कि एक लड़की को हर तरीके से इतना सक्षम बनना चाहिए कि वह परिवार में पूरे आत्मविश्वास के साथ खड़ी होकर कहे कि मैं परिवार की सारी जिम्मेदारी उठा सकती हूं। महिला सशक्तीकरण को समर्पित संवाद वेणी कार्यक्रम में जया किशोरी ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि इससे एक महिला हर तरीके से शोषण से भी बच जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि बेटियां इतनी सक्षम हो जायें कि वह अकेले ही माता-पिता की सारी जिम्मेदारियां उठा लें तो माता-पिता कभी चार बेटियों पर बेटे की चाह नहीं रखेंगे।
डालीबाग के गन्ना संस्थान में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की ओर से आयोजित महिला सशक्तीकरण को समर्पित संवाद वेणी कार्यक्रम में जया किशोरी ने कहा कि माता-पिता, बेटियों के घर से बाहर निकलने पर कहते हैं कि संभल कर जाना उसी प्रकार बेटे के बाहर निकलने पर यदि गंभीरता बरतें तो वह महिलाओं के प्रति संवेदनशील रहेंगे। लड़कों की परवरिश तय करती हैं कि उनका व्यवहार कैसा है। उन्होंने कहा कि माता-पिता दोनों ही नौकरी करें लेकिन बच्चे को कभी अकेला न छोड़ें। यह अकेलापन बच्चे को बिगाड़ सकता है। उन्होंने कहा कि नारी की स्वतंत्रता की सीमाएं न तय हों।
समारोह में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि समाज में अच्छाई व बुराई दोनों ही चीजें भरी पड़ी हैं। एक ही मशीन से जूस और कचरा दोनों ही निकलती हैं। हमें इतनी समझ है कि हमें जूस ही पीना है यह चीज अन्य चीजों पर भी लागू होती है। चुनना आपको है कि आपके लिए क्या सही है और क्या गलत हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपना समय वहीं खर्च करना चाहिए जहां पर हमारा रुझान हो। तभी सफलता मिलेगी। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सब कुछ छोड़ देना वैराग्य नहीं है। वैराग्य या डिटैचमेंट तो उसे कहते हैं कि सबकुछ छूट जाने का डर न हो। अकेलापन बड़ी किस्मत से मिलता है। अपनी संगति को इतना एन्जॉय करिए कि दूसरे की जरूरत न पड़े। सुबह के पांच मिनट अपने लिए जरूर निकालें। इस अवसर पर डीजी फायर सर्विसेज अविनाश चंद्रा, अपर पुलिस महानिदेशक पद्मजा चौहान आदि भी मौजूद रहे। जया किशोरी 1090 कॉल सेंटर भी गईं जहां उन्होंने वहां की कार्यशैली देखी और समझी।