औबेदुल्लागंज। स्थानीय स्वैच्छिक संगठनों {एनजीओ} की विकास गतिविधि में विकसित देशों की भांति भारत में अहम भूमिका हो सकती है। इस को लेकर मप्र सरकार सतत विकास का पूरा रौडमैप तैयार कर रही है। मप्र देश का पहला राज्य है जहां सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर विकास कार्य में सहभागिता एवं निगरानी हेतु समुदाय के अंतिम व्यक्ति को मप्र जन अभियान परिषद के माध्यम से नेतृत्व कौशल सिखाया जा रहा है वहीं जमीनी  एनजीओ को नवांकुरित कर डिजिटल दस्तवावेजीकरण का स्किल देकर  विस्तार दिया जा रहा है।  यह बात जन अभियान परिषद की ब्लाक समन्वयक निशा बहेकार ने मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व विकास पाठयक्रम की अतिरिक्त कक्षा संचालन के दौरान कही।  उन्होने बताया कि  आज तकनीक की विकास में जरूरी भूमिका एवं तकनीक से होने वाले अपराध की सजगता हेतु  मप्र सरकार की संस्था एमपीकॉन  से जुड़ी नगर  की संस्था एक्सेल कम्प्यूटर सेंटर में मेंटर्स द्वारा क्षेत्रीय भ्रमण एवं असाइमेंट के तहत प्रायोगिक कक्षा का कार्यक्रम रखा गया। स्टूडेंटस को स्थानीय सरकारी एवं गैर सरकारी विभागों में असाइमेंट के तहत विभागीय कार्यविधि एवं विकास गतिविधि में समुदाय की भागीदारी के संबंध में विस्तार से बताया  जा रहा । इस कार्य में परामर्शदाता प्रेमनारायण सोनी,अजय मालवीय, सुनैना लोवंशी,पी के परसाई,उपेन्द्र,नवांकुर संस्था से सुनील सेरिया ,वीर सिंह   चौहान सहित, एमएसडब्ल्यू एव बीएसडब्ल्यू के विद्यार्थी सहभागिता कर रहे हैं।

न्यूज़ सोर्स : ipm