भोपाल ।   पूर्व आइएएस दंपती अरविंद जोशी व टीनू जोशी के यहां वर्ष 2010 में आयकर छापे के बाद अब आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आइटीएटी) ने बड़ा निर्णय दिया है। न्यायाधिकरण ने उनकी संपत्ति का फिर से मूल्यांकन करने के लिए आयकर विभाग को निर्देश दिए हैं।

अरविंद जोशी के निधन के 20 माह बाद निर्णय

आइटीएटी का यह निर्णय अरविंद जोशी के निधन के लगभग 20 माह बाद आया है। अरविंद जोशी ने वर्ष 2014 में यहां अपील कर नैसर्गिक न्याय के अंतर्गत फिर से संपत्ति का मूल्यांकन करने को कहा था। छापे में जोशी दंपती के यहां कथित तौर पर 360 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति मिली थी। इसके बाद राज्य सरकार ने दोनों को बर्खास्त कर जांच बैठा दी थी। न्याधिकरण के निर्णय को लेकर टीनू जोशी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। वहीं, परिवार के अन्य लोग इसे सामान्य बता रहे हैं।

न्यायाधिकरण ने जताई नाराजगी

न्यायाधिकरण ने इस मामले में सुनवाई में आयकर आयुक्त की तरफ से ठीक से पक्ष नहीं आने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। न्याधिकरण ने कहा है कि सुनवाई में विभाग का पक्ष रखने के लिए कोई अधिकारी उपस्थित नहीं हो रहा था। 25 बार स्थगन विभाग लिया गया। ऐसे में जोशी दंपती की संपत्ति का आयकर विभाग द्वारा पूर्व में किए गए मूल्यांकन को रद कर इसे नए सिरे से किया जाना चाहिए।

दोनों अधिकारियों को वर्ष 2014 में बर्खास्त किया था

बता दें कि आय से अधिक संपत्ति के आरोप में राज्य सरकार ने दोनों अधिकारियों को वर्ष 2014 में बर्खास्त कर उनकी संपत्ति राजसात करने के निर्देश दिए थे। लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना ने भी इस मामले में जोशी दंपती के विरुद्ध प्रकरण कायम किया था, जिसमें वर्ष 2016 में चालान भी न्यायालय में पेश हो चुका है। लोकायुक्त पुलिस द्वारा मामला पंजीबद्ध किए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)ने भी प्रकरण कायम किया था। वर्ष 2021 में ईडी ने उनकी 1.2 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी।